दुर्गापुर 2 एवं दुर्गापूर 2 सरिया कोल माइंस खटाई में

धर्मजयगढ़ – धर्मजयगढ़ नगरीय क्षेत्र से लगकर दुर्गापुर 2 ओपन कोल S.E.C.L. को 2014 में धारा 4 ( । ) के प्रकाशन के उपरांत 4144 एकड़ भूमि केंद्र सरकार व राज्य सरकार प्रदान किया गया है। तथा 2019 – 20 में दुर्गापुर 2 सरिया कोल ब्लॉक को शासन स्तर पर KPCL कोल कंपनी को लगभग 4100 एकड़ भूमि प्रदान किया है तथा इस माइंस से लगकर बायसी ईस्ट, बायसी वेस्ट, सरिया कोल ब्लांक कामर्शियल वीट लगाकर क्रमशः इंद्रमणी, के.पी.आर, व नीलकंठ कंपनी के प्रदान किया गया है। प्रभावित किसानो के द्वारा भूमि का दर/ मुआवजा कम होने के कारण लगातार विरोध जता रहे हैं जिस कारण पूर्व के दो कंपनी द्वारा नियत समय से अधिक समय गुजर जाने को बाद भी कॉल माइंस नहीं खुल पा रहा है । उधर राज्य शासन द्वारा स्टांप अधिनियम 1899 ( 2 ) के तहत् भूमि का बाजार मूल्य कई गुणा बढ़ाए जाने पर किसान भूमि का नया बाजार मूल्य पाने की लालसा कर रहे हैं ।
के.पी.सी.एल. व एस.ई.सी.एल. में धर्मजयगढ़ नगर पंचायत के 1,2,3 वार्डों के साथ दुर्गापुरी कॉलोनी, दुर्गापुर, धर्मजयगढ़ कॉलोनी, बायसी कॉलोनी, मेढरमार, लामबहरी गांव परियोजना में शामिल है , धर्मजयगढ़ कॉलोनी व बीयसी कॉलोनी केंद्र सरकार द्वारा बंगाली विस्थापितों के कृषि भूमि देकर बसाया गया है । इन दोनों प्रोजेक्ट में इन दो गांवों की कृषि भूमि 1400 + 2600 एकड़ भूमि अधिग्रहति होनी है । पुनर्वास विभाग द्वारा प्रदान किए गए भूमि का 2016-18 के बीच भूमि स्वामी हक प्रदान किया गया है ।तथा आबंटन भूमि होने के कारण इनका विधि पूर्वक खरीदी बिक्री पिछले 65 वर्षों से नहीं हुई है । जिस कारण इस ग्रामों की भूमि का बाजार मूल्य परियोजना के भीतर वाली व अन्य गांव की भूमि का बाजार मूल्य से बहुत कम है ।
दूसरे और पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा बाजार मूल्य न बढ़ाने व बाजार मूल्य 30% दर कम कर दिया था ।परंतु सरकार द्वारा अपने कार्यकाल के दो वर्ष होने के पहले पूरे प्रदेश में भूमि का बाजार मूल्य स्टांप अधिनियम के अनुसार 10% से 100% तक बढ़ा दिया है ।जो 20 नवंबर 2025 से लागू हो गया है ।
सरकार द्वारा बढ़ाये बाजार मूल्य से पूरे प्रदेश में कांग्रेस (विपक्ष ) के लोगों द्वारा जिला से ब्लॉक स्तर पर विरोध जता रहे हैं । वही हमारे धर्मजयगढ़ क्षेत्र की किसान को बड़ी दर पर लगभग एक एकड़ 32 से 52 लाख मिल जावेगा तथा छत्तीसगढ़ पुनर्वास व उचित प्रतिकार अधिनियम में नियमों के तहत् तोषण व X2 करने पर प्रति एकड़ व एक करोड़ रूपया मुआवजा बनेगा ।
दोनों कोल कंपनी की अधिग्रहति भूमि में बंगाली विस्थापितों को प्राप्त आबंटन भूमि बहुत ज्यादा आ रहा है । तथा वर्तमान बाजार मूल्य को प्राप्त करने के लिए, कंपनी से लालायित है। तथा कार्य को बाधा उत्पन्न कर रहे हैं वही विस्थापित परिवार एक बार विस्थापित होकर उन्हें स्थापित होने 60 – 70 वर्ष लग गए अब पुनः विस्थापित होने पर इनका दो-तीन पीढ़ी व्यवस्थित होने लग जावेगा । इन लोगों की ज्यादा विरोध व कंपनी अपने खदान खोले जाने की प्रक्रिया करने पर इन्हें विरोध झेलना पड़ रहा है । विरोध के कारण पूर्व में D.B. पॉवर लिमिटेड व वेदांता को वापस जाना पड़ा था । उधर S.E.C.L. की कई खदान इस जिला व अन्य जगहों पर चालू है । ज्यादा विरोध की स्थिति होने व आपस में बैठकर मुआवजा संबंधी विडंबना ना दूर करने पर खदान विलंब S.E.C.L. अपना प्रोजेक्ट को कैंसिल कर अन्य खदान से अधिक कोल उत्पादन पर ध्यान देगा ।





