ओड़ीशा

जागा मिसन विवाद के घेरे मे, पट्टा के नाम बस्ती वासी से वसूला गया करोडो रुपया , बड़ा स्तर पर भ्रस्टाचार होने का आशंका

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ओडिशा में पिछली बीजद सरकार के दौरान। जागा मिशन के तहत राउरकेला शहर के विभिन्न बस्ती अंचलों में रहने वाले लोगों को पट्टा प्रमाण पत्र के राउरकेला महानगर निगम द्वारा वितरित किया गया था l खबर यह है पट्टा देने के लिए संबंधित अधिकारियों ने कई लाभार्थियों से मोटी रकम वसूली है,जब कि सरकार की ओर से यह योजना मुफ्त में दी गई है।वही कई बस्ती वासी को मुफ्त मे भी प्रमाण पत्र दिया गया है l इस वजह से अतीत मे बस्ती अंचल मे रहने वाले लोगों के बिच यह चर्चा का बिषय बनी हुई थी कि महानगर द्वारा प्रमाण पत्र वितरण मे भेद भाव किया गया है

इसके साथ साथ जो पैसा बस्ती वासी से प्रमाण पत्र के नाम पर वसूला गया है वह भी एक समान रकम नहीं है, किसी से लाखों रुपये तो किसी से कुछ हज़ार रुपये वसूले गए है,इस वजह से अतीत मे अंचल के लोगों मे काफी रोष व असंतोष देखा गया था l वर्तमान मे ओड़िशा मे सरकार बदलने के बाद बस्ती अंचल मे फिर से पिछले बिजद सरकार द्वारा दिए गए प्रमाण पत्र के नाम पर लिए गए पैसा डूब जाने की खबर से बस्ती अंचल मे चर्चा गरमा गई है। इसी सभी समस्या को समझते हुए समाजसेवी एवं आरटीआई कार्यकर्त्ता नवीन गुप्ता ने महानगर निगम मे एक आरटीआई दाखिल कि थी

जिसके तहत महानगर निगम द्वारा दी गई जानकारी चौकाने वाली है l आर टी आई मे प्राप्त जानकारी के अनुसार 4747 लाभार्थी को जगा मिशन के तहत महानर निगम द्वारा प्रमाण पत्र देने के योग्य घोषित किया गया l 1423 लाभर्तिओं को मुफ्त मे प्रमाण पत्र बंटन किया गया l 1528 लाभर्तिओं से 2 करोड़ 80 लाख 76 हज़ार 6 सौ 70 रुपया वसूला गया l महानगर निगम के अनुसार वसूला गया राशि महानगर निगम के लेखा अनुभाग विभाग मे जमा कर दी गयी है वहीं नगर निगम का कहना है कि प्रमाण पत्र मे तहसीलदार ने भी अपने हस्ताक्षर किये हैँ l ये तो केवल वो आंकड़े है जो राउरकेला नगर निगम ने दिए , उन पैसो की भी जांंच होनी चाहिए जो रिकार्ड में‌ दर्ज ंआ होकर सीधे अधिकारीयों की जेब में चला गया।

समाजसेवी नवीन गुप्ता का कहना है कि अतीत में पिछले सरकार के समय ही‍ कई ऐसे मामले देखे गए है जहाँ प्रमाण पत्र लोगो के पास मे होने के बावजूद बस्ती क्षेत्र में कई व्यक्तियों के घरों को वन विभाग/रेलवे आदि द्वारा ध्वस्त कर दिया गया है l इससे यह साबित हो जाता है कि पिछली बीजद सरकार द्वारा प्रदान की गई प्रमाण पत्र जो कि पट्टा के नाम पर बस्ती अंचल मे बांटा गया था वाह पूरी तरह से फर्जी, राजनीति से प्रेरित, झुग्गी-झोपड़ी क्षेत्रों से वोट इकट्ठा करने के लिए वोट बैंक नीति के तहत बस्ती अंचल मे बांटी गई थी।

समाज सेवी नवीन गुप्ता का यह भी कहना है कि अगर लोगो का घर प्रमाण पत्र होते हुए भी तोड़ दिया जा रहा है, प्रमाण पत्र दिखाने पर बैंक से किसी प्रकार का लोन नहीं मिल रहा है तो नगर निगम ने बस्ती अंचल ने रहने वाले के गरीब जनता से इतना मोटा रकम एक कागज का टुकड़ा थमा कर किसके कहने पर और क्यों अदा किया है l यह पूरा मामला एक बड़े भ्रस्टाचार कि ओर इशारा करती है l बस्ती वासीयो के साथ साथ समजसेवी नवीन गुप्ता ने यह आरोप लगाया है कि पिछली बिजद सरकार ने बस्ती अंचल के लोगो के साथ धोखाधड़ी की है l

प्रमाण पत्र को पट्टा बता कर स्थानीय विधायक (सारदा प्रसाद नायक ) ने बस्ती अंचल मे बांटा l पट्टा के नाम पर फ़र्ज़ी कागज़ थमा कर बस्ती वासीयों से करोडो रूपये वसूल लिए गए l फ़र्ज़ी प्रमाण पत्र के खिलाफ भुगतान की गई राशी की वापसी की मांग की जा रही है क्योंकि बस्ती वासीयों का मानना है कि प्रदान किए गए प्रमाण पत्र जो पट्टा बता कर प्रदान कि गई थी इसका कोई उपयोग नहीं है और यह समय-समय पर नकली साबित हुआ है। मांग की जा रही है कि नगर निगम द्वारा वसूले गए धन राशी बस्ती वासिन्दा को तुरंत वापस किया जाये अन्यथा आने वाले दिनों मे महानगर निगम के विरुद्ध बडे़ स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया जायेगा l

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