छत्तीसगढ़ में ड्राइवर संघों का अनिश्चितकालीन महाबंद चक्काजाम शुरू — ड्राइवर सुरक्षा कानून, शराबबंदी और वेलफेयर बोर्ड की मांग

कोरबा । छत्तीसगढ़ में ड्राइवर संघों और ट्रांसपोर्ट एसोसिएशनों ने 25 अक्टूबर 2025 से अनिश्चितकालीन महाबंद चक्काजाम की घोषणा की है। यह आंदोलन उड़ीसा सरकार द्वारा उनकी मांगों को मानने के बाद अब छत्तीसगढ़ सरकार से निपटने के लिए किया जा रहा है। ड्राइवरों का कहना है कि उनका मुख्य उद्देश्य ड्राइवर सुरक्षा कानून, शराबबंदी, और ड्राइवर वेलफेयर बोर्ड की स्थापना सुनिश्चित करना है।
संघों ने 11 प्रमुख मांगें रखी हैं। इनमें सबसे पहली और प्रमुख मांग राज्य में पूर्ण शराब बंदी है। उनका कहना है कि शराब के सेवन के कारण सड़क दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं, जिससे ड्राइवरों और आम जनता की सुरक्षा खतरे में है। दूसरी मांग ड्राइवर सुरक्षा कानून का गठन है, ताकि सड़क पर काम करने वाले चालक सुरक्षित महसूस कर सकें। इसके अलावा, ड्राइवर वेलफेयर बोर्ड का गठन भी उनकी आवश्यकताओं में शामिल है, जो ड्राइवरों के कल्याण और रोजगार संबंधी मामलों की देखरेख करेगा।
संघों ने कहा है कि कामर्शियल लाइसेंस धारकों के लिए बीमा की व्यवस्था होनी चाहिए और दुर्घटना में मृतकों को 10 लाख रुपये तथा अपंगता के मामलों में 5 लाख रुपये दिए जाएँ। इसके साथ ही ड्राइवरों के लिए हेल्थ कार्ड जारी किया जाए, जिसमें 10 लाख रुपये तक पूरे देश में इलाज की सुविधा हो। संघों ने 55 वर्ष की आयु पूरी होने पर पेंशन की भी मांग की है।
ड्राइवरों का कहना है कि उनके बच्चों को शिक्षा और नौकरी के क्षेत्र में आरक्षण मिलना चाहिए, ताकि उनके परिवारों का भविष्य सुरक्षित रहे। इसके अलावा, छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में ड्राइवर स्मारक का निर्माण किया जाना चाहिए, ताकि समाज में उनके योगदान को सम्मान मिले। संघ ने यह भी कहा कि ड्राइवरों के साथ मारपीट, लूटपाट और अभद्रता करने वाले अपराधियों के लिए 5 साल तक कड़े कारावास का प्रावधान होना चाहिए।
संघ नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार उनकी मांगों पर गंभीरता से ध्यान नहीं देती है, तो यह चक्काजाम पूरे राज्य में जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन केवल ड्राइवरों की सुरक्षा और कल्याण के लिए है और आम जनता को भी सड़क सुरक्षा में इसका लाभ मिलेगा।
बिलासपुर और अन्य जिलों में यह आंदोलन शांतिपूर्ण ढंग से जारी है, लेकिन प्रशासन ने विशेष सतर्कता बरतने की चेतावनी दी है। ट्रैफिक और आम जनजीवन प्रभावित होने की संभावना है, इसलिए लोगों को वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करने की सलाह दी गई है।





