छत्तीसगढ़

रहस्यमय मौत का, कौन है असली जिम्मेदार

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आपातकालीन 108 संजीवनी एक्सप्रेस में बैठा अटेंडर बनकर और अस्पताल पहुंचा डॉयल 112 में घायल बनकर

प्रतीक मल्लिक

धरमजयगढ़ :-  बीती रात विजयादशमी के दिन खम्हार के पास हुआ हादसा बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। ग्रामीण घटना को लेकर आक्रोश तो है पर उनकी बातों को सुनने और समझने वाला कोई मिल नहीं रहा है जिससे वे न्याय की उम्मीद खो दिए है।


बीती दशहरा की रात खम्हार से दो व्यक्ति आशीष राठिया और सरोज सवरा दोनों घर से धरमजयगढ़ दशहरा देखने तो निकले पर उनके नसीब में शायद दशहरा का मेला देखना ही नहीं लिखा था क्योंकि खम्हार और मिरागुड़ा के बीच खड़ी वाहन के पीछे दोनों युवक बाईक सहित टक्कर खाकर घुस गए जिससे दोनों युवक की मौके पर ही मौत हो गई।

घटना की जानकारी पर डॉयल 112 की टीम संजीवनी एक्सप्रेस 108 भी पहुंची धरमजयगढ़ से दशहरा देखकर आ रहे खम्हार के ग्रामीण भी घटना स्थल पर पहुंचे, वही संजीवनी एक्सप्रेस 108 की टीम को निवेदन कर दोनों शव के साथ खम्हार गांव का मृतक का साथी अटेंडर बनकर नरेश कुमार राठिया भी बैठा पर जब धरमजयगढ़ सिविल अस्पताल 108 वाहन पहुंची तो वाहन में दो शव ही थे। अटेंडर नरेश कुमार राठिया वाहन में नहीं था वही लगभग 20 मिनट बाद नरेश कुमार राठिया को घायल अवस्था में डॉयल 112 की टीम धरमजयगढ़ सिविल अस्पताल लेकर पहुंची जहां इलाज के दौरान नरेश कुमार राठिया की मौत हो गई।

उक्त घटना की जानकारी जैसे ही ग्रामीणों को हुई ग्रामीण अस्पताल पहुंचकर हंगामा शुरू कर दिए कि नरेश कुमार राठिया को अटेंडर बनाकर 108 वाहन से लाया गया था आखिर वह मुख्यमार्ग में कैसे पड़ा मिला, डॉयल 112 वाहन को घायल अवस्था में । लोगो के मन में उक्त मामले को लेकर कई सवाल है पर सुनने वाला कोई नहीं ।



जब इस संबंध में हमारे संवाददाता द्वारा 108 वाहन के चालक से बात की गई तो उनका कहना की घटना स्थल से अटेंडर बनाकर नरेश कुमार राठिया को वाहन में बैठाया तो गया था पर वह अस्पताल तक नहीं पहुंचा। हमें भी नहीं पता वो कब वाहन से उतरा ।

डॉयल 112 में बैठे एस.के.वर्मा ए.एस.आई.  धरमजयगढ़ द्वारा बताया गया कि हमें नरेश कुमार राठिया मुख्यमार्ग किनारे घायल अवस्था में भंवरखोल के पास पड़ा मिला जिसे हमलोगों के द्वारा तत्काल अस्पताल लाया गया जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।

ग्रामीणों द्वारा उक्त घटना को लेकर काफी आक्रोशित है दो व्यक्तियों की मौत के बाद तीसरा व्यक्ति जो कि पूरी तरह स्वस्थ था वो 108 वाहन में बैठकर धरमजयगढ़ अस्पताल के लिए रवाना होता है और डॉयल 112 में घायल अवस्था में अस्पताल पहुंचता है आखिर इतनी बड़ी घटना का जिम्मेदार कौन है। आखिर कौन सच बोल रहा कौन झूठ, ग्रामीण पूरे घटना की हकीकत जानने के लिए धरमजयगढ़ बीएमओ और थाना के चक्कर लगा रहे है। अब देखना है कि उक्त रहस्यमय दुखद घटना का असली दोषी कौन है इसकी जांच कर दोषियों को सजा मिल पाएगा ग्रामीणों के मन में सवाल गूंज रहा है।

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