छत्तीसगढ़

उर्सुलाईन स्कूल की हिटलरशाही : समय पर नहीं पहुंचे तो स्कूल में नहीं दी जाती एंट्री,बच्चे और परिजन बैरंग लौटने को मजबूर.बच्चों के भविष्य और शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन

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प्रतीक मल्लिक
धरमजयगढ :- कुछ प्राइवेट स्कूलों के सख्त नियम होते हैं जहां कक्षाएं निर्धारित समय पर शुरू होती हैं और देर से आने वाले छात्रों को कक्षा में प्रवेश नहीं दिया जाता है, ताकि कक्षा के अन्य छात्रों के पढ़ाई में बाधा न आए लेकिन धरमजयगढ़ में स्थित उर्सुलाइन स्कूल की परंपरा ही अलग है यहां निर्धारित समय से एक पल की भी देर हुई तो बच्चों को स्कूल में एंट्री नहीं दी जाती जिससे बच्चों का भविष्य तो अंधकार में जा ही रहा है साथ ही उन्हें शिक्षा से भी वंचित किया जा रहा है जो शिक्षा का अधिकार कानून के विरुद्ध है


आप तस्वीर में साफ देख सकते है जिसमें लगभग बीस से अधिक बच्चे स्कूल के बाहर खड़े है जिन्हें स्कूल के मुख्य द्वार से प्रवेश नहीं दिया गया.और बच्चे वापस घर को लौट गए यह तस्वीर सोमवार 8 सितंबर की है जहां स्कूल प्रबंधन की हिटलरशाही साफ देख जा सकती है आपको बता दें स्कूल का निर्धारित समय 7:55 है और इस निर्धारित समय में जो बच्चे स्कूल के भीतर प्रवेश नहीं कर पाते उन्हें एंट्री नहीं दी जाती और मुख्य द्वार पर ताला लगा दिया जाता है ऐसे में कई बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है.देर से आने का कोई कारण हो सकता है,


जैसे कि यातायात की समस्या, पारिवारिक मजबूरी, या बच्चे का अस्वस्थ होना या अन्य कोई भी ऐसे में बच्चों को स्कूल में प्रवेश न देना उसके सीखने की प्रक्रिया और मनोबल पर नकारात्मक प्रभाव डाल डाल रहा है।बहरहाल इस मामले को लेकर अब स्कूल प्रबंधन,विकासखंड अधिकारी क्या कार्यवाही दिखाते है इसका इंतजार आम जनता के साथ साथ हिंदी समाचार को भी रहेगा.ताकि आगे की अपडेट लोगो तक पहुंचाई जा सके।

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