“पूर्व अर्धसैनिकों ने जताई नाराज़गी — 11 वर्षों से प्रधानमंत्री से मुलाकात का इंतजार, राहुल गांधी से हो चुकी है तीन बार बैठक”

नई दिल्ली : “अलायंस ऑफ ऑल एक्स पैरामिलिट्री फोर्सेस वेलफेयर एसोसिएशन” के महासचिव रणबीर सिंह ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए अर्धसैनिक बलों के पूर्व जवानों की चिंताओं और उपेक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने बताया कि पिछले 6 वर्षों में कांग्रेस नेता एवं नेता प्रतिपक्ष श्री राहुल गांधी से तीन बार प्रतिनिधिमंडल की औपचारिक बैठकें हो चुकी हैं, जिनमें अर्धसैनिक बलों के कल्याण से जुड़े अहम मुद्दों पर गहन चर्चा की गई।
🔹 25 मार्च को नई संसद भवन में हुई थी प्रतिनिधिमंडल की आखिरी बैठक
इस बैठक में पूर्व एडीजी श्री एच.आर. सिंह के नेतृत्व में 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने हिस्सा लिया। बैठक के दौरान कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश जैसे कांग्रेस शासित राज्यों में “अर्धसैनिक कल्याण बोर्डों” के गठन पर सकारात्मक चर्चा हुई। इससे पहले, भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कुरुक्षेत्र में श्री राहुल गांधी को पुरानी पेंशन बहाली सहित कई मुद्दों पर ज्ञापन भी सौंपा गया था।

“प्रधानमंत्री कार्यालय से अब तक कोई बुलावा नहीं”
महासचिव रणबीर सिंह ने आश्चर्य जताते हुए बताया कि पिछले 11 वर्षों में सैकड़ों ज्ञापन प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को सौंपे गए, जिनमें सिर्फ 20 मिनट की शिष्टाचार भेंट के लिए अनुरोध किया गया ताकि अर्धसैनिक बलों के लाखों परिवारों की समस्याओं को सीधे प्रधानमंत्री के समक्ष रखा जा सके।
“हमें माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी से काफी उम्मीदें थीं, लेकिन अब तक एक बार भी मिलने का अवसर नहीं मिला। न ही साउथ ब्लॉक से कोई संवाद मिला। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश की आंतरिक सुरक्षा में योगदान देने वाले लाखों अर्धसैनिक परिवारों की आवाज़ अनसुनी रह रही है,” — रणबीर सिंह
🔴 राजनीतिक संकेत: “अब निर्णय वोट से होगा”
रणबीर सिंह ने साफ शब्दों में कहा कि अगर केंद्र सरकार अर्धसैनिक बलों की वास्तविक समस्याओं को दरकिनार करती रही, तो इसका असर आगामी बिहार विधानसभा चुनावों में साफ दिखेगा।
“हमारी प्राथमिकता अब उन राजनीतिक दलों को समर्थन देने की होगी, जो अर्धसैनिक बलों के कल्याण के मुद्दों को अपने चुनावी घोषणा पत्र में शामिल करेंगे। वोट उसी को मिलेगा, जो सम्मान देगा।”
📌 मुख्य माँगें:
- पुरानी पेंशन योजना की बहाली
- अर्धसैनिक कल्याण बोर्ड की स्थापना (सभी राज्यों में)
- स्वास्थ्य, पुनर्वास और शिक्षा संबंधी नीतिगत सुधार
- सरकार से सीधी संवाद प्रक्रिया की स्थापना