छत्तीसगढ़

डिप्टी सीएम ने कराया नक्सल बच्चों का शाला प्रवेश

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शिक्षा का अलख जगाने बीजापुर में ऐतिहासिक पहल उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने दो दशक से बंद 14 स्कूलों सहित 16 स्कूलों का किया शुभारंभ ।  जिला स्तरीय शाला प्रवेश उत्सव कार्यक्रम में  पहुंचे विजय शर्मा ने कहा जिसे नक्सली भटका रहे थे अब वही शिक्षा दूत बनाकर शाला त्यागी बच्चों को शिक्षा देंगे।

शिक्षा के उजाले को छत्तीसगढ़ के अंतिम छोर तक पहुंचाने के संकल्प के साथ उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री  विजय शर्मा ने बीजापुर जिले में ऐतिहासिक पहल करते हुए 14 बंद पड़े स्कूलों का पुनः संचालन तथा दो नए स्कूलों का शुभारंभ किया। यह पहल जिले के एड़समेटा, तोड़का, सावनार, कोरचोली, नेंड्रा, इतावर, करका, भट्टीगुड़ा जैसे अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में की गई, जहां लंबे समय से शिक्षा व्यवस्था ठप थी। कुल 16 स्कूलों के संचालन से हजारों बच्चों को अब औपचारिक शिक्षा का लाभ मिल सकेगा।

जिला स्तरीय शाला प्रवेश उत्सव कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री ने नौनिहालों का आत्मीय स्वागत करते हुए उन्हें पढ़ाई, खेल और संस्कारों में आगे बढ़ने की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि ईश्वर आप सबको बुद्धिमान बनाए, ताकि आप देश और समाज की सेवा कर सकें। उन्होंने इस अवसर पर “दक्ष बीजापुर” अभियान के तहत पांचवीं, आठवीं, दसवीं और बारहवीं के मेधावी छात्र-छात्राओं को पांच-पांच हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की।

साथ ही उत्कृष्ट शैक्षणिक संस्थाओं, शिक्षकों और बोर्ड परीक्षाओं के टॉपर्स को सम्मानित किया गया।”वेंडे स्कूल दायकाल” योजना के अंतर्गत अप्रवेशी और शाला त्यागी बच्चों को ‘वेलकम किट’ वितरित कर शिक्षा के प्रति उनका उत्साहवर्धन किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि बीजापुर में शिक्षा के क्षेत्र में जो परिवर्तन हो रहा है, वह सहज नहीं बल्कि संघर्ष से प्राप्त हुआ है।

उन्होंने शिक्षकों से अपील की कि वे समाज को भ्रमों से निकालकर शिक्षा की ज्योति दूर-दराज के गांवों तक पहुंचाएं। शिक्षा को शांति स्थापना का मूल आधार बताते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षक समाज के सबसे प्रभावशाली व्यक्ति होते हैं और उनसे ही दिशा मिलती है। शर्मा ने बीजापुर की विकास संभावनाओं की ओर भी ध्यान दिलाया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह तथा मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय लगातार बीजापुर के विकास को लेकर चिंतित हैं।

नक्सल हिंसा पर चिंता व्यक्त करते हुए उपमुख्यमंत्री ने हाल ही में एक 13 वर्षीय छात्र की हत्या को अत्यंत अमानवीय और अस्वीकार्य बताया। उन्होंने कहा कि मासूमों की हत्या और जंगलों में हिंसा की अब कोई जगह नहीं रहनी चाहिए और ऐसी घटनाओं पर समाज को सामूहिक रूप से विराम लगाना होगा।

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