योग भारतीय प्राचीन परंपरा का अमूल्य धरोहर है -प्रधान,

पीजे सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में योगा कार्यक्रम का हुआ आयोजन
चक्रधरपुर। पंप रोड स्थित पद्मावती जैन सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, इंग्लिश मीडियम चक्रधरपुर में शनिवार को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर विविध कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सर्व प्रथम प्रधानाचार्य आनंद चंद्र प्रधान ने भारत माता एवं महर्षि पतंजलि के चित्र पर पुष्पार्चन एवं दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
प्रधानाचार्य ने योग को ऋषि-मुनियों द्वारा दिया गया अनमोल उपहार बताया, जिसे आज संपूर्ण विश्व अपना रहा है।
योग का संदेश देते हुए कहा कि सभी भैया बहन अपने दैनिक जीवन में योग को उतारे जिससे स्वस्थ,खुशहाल और मस्त रहें। उन्होंने कहा कि संपूर्ण देश आज विश्व अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मना रहा है। उन्होंने अंतराष्ट्रीय योग दिवस पर सभी को शुभकामनाएं दी और सभी का अच्छे स्वस्थ, निरोग दीर्घायु होने की कामना की।
प्रधानाचार्य द्वारा संधि योग, प्राणायाम में भस्त्रिका, कपालभाती,अनुलोम-विलोम, उज्जायी, भ्रामरी प्राणायाम तथा ,आसन में सूक्ष्म व्यायाम एवं वज्रासन, मंडूकासन,भुजंगासन, पवनमुक्तासन, सूर्य नमस्कार आदि आसनों का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में छात्र छात्राओं एवं शिक्षिकाओं ने देशभक्ति गीत से राष्ट्रीय भावना को जागृत किया।
आचार्य सौभीक घटक ने भी योग दिवस पर योग की महत्व एवं आज के दिन ही योग क्यों मनाया जाता उसके बारे विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम को सफल बनाने में आचार्य सौभीक घटक, शांति देवी, मीना कुमारी, स्वास्तिक सोय , भारती कुमारी,चांदनी जोंको, जयंती तांती आदि की प्रमुख भूमिका रही।अंत में समापन मंत्र के साथ संपन्न किया गया।





