राउरकेला: 9 वर्षीय गुड्डी की रहस्यमय मौत पर उठे सवाल, आधी रात को हुआ पोस्टमार्टम, मानवाधिकार संगठन ने की उच्चस्तरीय जांच की मांग
पोस्टमार्टम आधी रात को क्यों? विश्वजीत मल्लिक ने उठाए गंभीर सवाल
राउरकेला : छत्तीसगढ़ के राउरकेला स्थित छेंड़ कॉलोनी में 9 वर्षीय नाबालिग गुड्डी की रहस्यमय मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इस मामले में अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विश्वजीत मल्लिक ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने पूछा कि आखिर एक मासूम बच्ची के शव का पोस्टमार्टम रात करीब 12:30 बजे क्यों कराया गया?
मृत्यु के दो दिन बाद आधी रात को हुआ पोस्टमार्टम
बताया जा रहा है कि गुड्डी की मृत्यु 28 मई को हुई थी, लेकिन पोस्टमार्टम दो दिन बाद, आधी रात के समय किया गया। आमतौर पर पोस्टमार्टम कार्यदिवसों में दिन के समय किया जाता है, फिर ऐसी क्या वजह रही कि एक बच्ची के शव का परीक्षण रात के अंधेरे में कराया गया?
क्या था शव में छिपा, जो आधी रात की गई कार्रवाई?
इस पूरे घटनाक्रम ने स्थानीय नागरिकों और मानव अधिकार संगठनों को हिलाकर रख दिया है। लोगों का सवाल है कि क्या गुड्डी की मौत में कुछ ऐसा था जिसे छुपाया जा रहा है? क्या प्रशासन पर किसी प्रकार का दबाव था, या फिर ये एक लापरवाही का मामला है?
विश्वजीत मल्लिक ने दी खुली चुनौती, की उच्चस्तरीय जांच की मांग
मानव अधिकार संगठन के अध्यक्ष विश्वजीत मल्लिक ने इस मामले में तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे एक गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन बताते हुए कहा कि “यदि इस मामले में किसी भी प्रकार की सच्चाई छिपाई गई है, तो हम उसे उजागर कर के रहेंगे।” साथ ही उन्होंने इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
स्थानीय प्रशासन पर सवालों की बौछार
स्थानीय नागरिकों ने भी प्रशासन की चुप्पी पर नाराजगी जताई है। लोगों का कहना है कि इस तरह की संवेदनशील घटना में पारदर्शिता और न्याय सबसे अहम है, लेकिन वर्तमान घटनाक्रम से स्थिति संदिग्ध लग रही है।





