छत्तीसगढ़

राशनकार्ड एक दस्तावेज नहीं बल्कि पोषण और भोजन की गारंटी

Advertisement

सुशासन तिहार के तहत राशन कार्ड पाकर खुश हुई सुशीला

बलरामपुर । जिले के विकासखंड बलरामपुर अंतर्गत घाघरा गांव की रहने वाली सुशीला की जिंदगी में राशन कार्ड मिलने का मतलब सिर्फ एक कागज नहीं, बल्कि उसके लिए यह हर महीने यह भोजन की गारंटी है। गांव में श्रीमती सुशीला राशन के लिए संघर्ष कर रही थीं। लेकिन सुशासन तिहार अंतर्गत समाधान शिविर डौरा में राशनकार्ड प्रदान किया गया । अब उनके जीवन में कई बदलाव आयेंगे।

श्रीमती सुशीला के परिवार की आमदनी सीमित थी। पति खेती मजदूरी करते हैं ऐसे में घर का खर्च चलाना मुश्किल होता था। कई बार परिवार को राशन के कारण समस्याओं से जूझना पड़ता था। राशनकार्ड न होने के कारण उन्हें शासकीय योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल पाता था। उन्हें सुशासन तिहार के बारे में जानकारी मिली और उन्होंने स्थानीय पंचायत स्तर पर संपर्क साझा और राशनकार्ड के लिए आवेदन किया।

आखिरकार सुशासन तिहार अंतर्गत समाधान शिविर में उन्हें राशनकार्ड मिल गया। राशनकार्ड मिलने के बाद सुशीला को सीधे राशन दुकान से प्रति माह राशन मिलेगी। इससे उनके परिवार का खर्चा काफी कम होगा साथ ही बेहतर पोषण होने से स्वास्थ्य पर भी इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। सुशीला कहती है कि सरकारी योजनाओं का सही लाभ लेने के लिए जागरूकता और प्रयास जरूरी हैं।

जब शासन-प्रशासन हमारे पास आ रही है तो थोड़ा कदम हमें भी बढ़ा कर सहयोग करना होगा। वे कहती है कि सरकारी सहायता भी आसानी से ली जा सकती है। इसके लिए सही जानकारी का होना आवश्यक है। सुशासन तिहार और समाधान शिविर जैसे सरकारी प्रयासों से गांव के लोगों को सीधे शासन से जुड़ने का मौका मिला है। समाधान शिविर के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र में सरकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार बढ़ा है और लोगों को उनकी समस्याओं के समाधान का भरोसा मिला है।

Advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button