
रामानुजगंज पुलिस की बड़ी कार्रवाई, संगठित गिरोह का खुलासा
बलरामपुर। जाली दस्तावेजों के जरिए शासकीय भूमि को फर्जी तरीके से निजी कंपनी को बेचने के मामले में फरार आरोपी याकुब को पुलिस ने झारखंड के गढ़वा से गिरफ्तार किया है। आरोपी लंबे समय से पुलिस की पकड़ से बाहर था। रामानुजगंज पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए उसे हिरासत में लिया।
ऐसे रचा गया फर्जीवाड़ा
प्राप्त जानकारी के अनुसार, 18 जुलाई 2015 को नायब तहसीलदार कुंजीलाल सिंह ने रामानुजगंज थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि ग्राम इंदरपुर (खोरी) की शासकीय भूमि (250 एकड़) को जाली दस्तावेज तैयार कर कोल माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को बेचा गया। इस मामले में आरोपी व्यासमुनी यादव, लालजी यादव व अन्य ने मिलकर षड्यंत्र रचते हुए राजस्व निरीक्षक मंडल रामचंद्रपुर व पटवारी हल्का नंबर 18 के माध्यम से वर्ष 1996-97 में भूमि का फर्जी हस्तांतरण किया।
इस मामले की जांच अपर आयुक्त राजस्व सरगुजा अंबिकापुर व अपर कलेक्टर रामानुजगंज द्वारा संयुक्त रूप से की गई थी, जिसमें फर्जी दस्तावेजों के जरिए जमीन बेचे जाने की पुष्टि हुई।
मुख्य आरोपी याकुब गिरफ्तार
घटना के बाद से ही प्रमुख आरोपी याकुब फरार चल रहा था। पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि वह गढ़वा, झारखंड में अपने घर पर मौजूद है। इस सूचना पर रामानुजगंज पुलिस टीम ने उसे गढ़वा से हिरासत में लेकर पूछताछ की।
गिरोह बनाकर दिया घटना को अंजाम
पूछताछ में आरोपी ने स्वीकार किया कि उसने व्यासमुनी यादव व अन्य के साथ मिलकर संगठित गिरोह बनाकर जाली दस्तावेज तैयार किए और सरकारी जमीन बेची। पुलिस ने उसके खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471, 120 (B), 34 भादवि के तहत मामला दर्ज कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।