
तीन महीनों से ग्रामीणों को नहीं मिला राशन, जांच के लिए खाद्य निरीक्षक के पास कोई समय नहीं ।
मुन्ना महन्त की रिपोर्ट
छाल:-छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के विकासखंड धरमजयगढ़ अंतर्गत ग्राम पंचायत बोजिया के ग्रामीणों को पिछले तीन महीनों से राशन नहीं दिया जा रहा है। जिसकी शिकायत लेकर ग्रामीणों ने रायगढ़ कलेक्टर के जनदर्शन में आवेदन प्रस्तुत किया था। जिसके 15 दिन बीतने के बावजूद भी अधिकारियों द्वारा आज तक जांच नहीं की गई है । ग्रामीणों को राशन प्राप्त करने में परेशानी हो रही है ।

ग्रामपंचायत बोजिया के आश्रित ग्राम चीतापाली के ग्रामीणों ने बताया कि राशन दुकान के संचालक श्याम दास महंत के पुत्र प्रदीप दास महंत के द्वारा हर महीने ग्रामीणों के घर घर जाकर हितग्राहियों से फिंगर लगवा ली जा रही है । लेकिन चावल, चना और नमक नहीं दिया जा रहा है । जिससे ग्रामीणों को जीवन यापन करने में भारी परेशानी हो रही है। शिकायत के बाद भी ग्रामीणों का कोई सुनने वाला नहीं है ।
*रायगढ़ लोकसभा के सांसद का भी अधिकारीयों पर कोई असर नहीं* –
कलेक्टर रायगढ़ के जनदर्शन में शिकायत के सप्ताह भर बाद कोई जांच नहीं होने पर पुनः ग्रामीणों द्वारा अपने सांसद के पास जाकर राशन नहीं मिलने की बात कहीं । जिस पर उनके द्वारा भी धरमजयगढ़ अनुविभागीय अधिकारी डिगेश पटेल को दूरभाष के माध्यम से ग्रामीणों के शिकायत पर जल्द जांच कर दोषियों पर कार्यवाही करने की बात कहीं। लेकिन उनकी बात भी आज अधिकारीयों के सामने नहीं चलती दिखाई पड़ रही है । उनकी बातों का कोई असर होता नहीं दिख रहा है । अगर सांसद की बात नहीं सुनी जा रही तो जनता की शिकायत का जांच होगा संभव नहीं है ।
*राशन दुकान संचालक का जनपद उपाध्यक्ष से नज़दीकी भी कार्यवाही नहीं होने हो सकती हैं एक वजह*
ग्रामीणों द्वारा बताया जा रहा है कि राशन दुकान संचालक और उसके पुत्र का बोजिया क्षेत्र के बीडीसी एवं जनपद पंचायत धरमजयगढ़ के उपाध्यक्ष रमेश अग्रवाल से बहुत ही अच्छे संबंध हैं । क्योंकि जब ग्रामीणों द्वारा कलेक्टर रायगढ़ को शिकायत की गई थी तब पुनः ग्रामीणों के बीच राशन दुकान संचालक का पुत्र और बीडीसी आकर शिकायत वापस लेने और कुछ समय में चावल व्यवस्था कर देने की बात कहीं जा रही थी । जिससे यहीं प्रतीत होता है कि शिकायत के बाद कोई जांच में देरी होना समझ से परे है । वहीं जब इस बात को लेकर खाद्य निरीक्षक मनोज कुमार सारथी को फोन के माध्यम से पूछने पर 4 बार से दिन पर दिन दिया जा रहा है । लेकिन जांच के लिए नहीं पहुंच रहे हैं । जिससे राशन दुकान संचालक पर उनकी आशीर्वाद होना प्रतीत होता है । लेकिन जल्द जांच कर कार्यवाही नहीं होती है और गरीबों को उनके हक का राशन नहीं मिलता है तो ग्रामीणों के द्वारा चक्का जाम करने की बात कही जा रही है । अब देखना होगा कि आने वाला समय क्या करवट लेता है, यह तो वक्त ही तय करेगी ।