छत्तीसगढ़

हर्रैया (बस्ती) में दुर्गा पूजा पंडाल पर विवाद, तनाव के बाद हालात काबू में

Advertisement

बस्ती । बस्ती जिले के हर्रैया थाना क्षेत्र अंतर्गत चफवा बाजार में वर्षों से दुर्गा पूजा का आयोजन शांति पूर्वक होता आ रहा है। इसी क्रम में इस वर्ष भी दुर्गा पंडाल में माता दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर भजन-कीर्तन और पूजन-अर्चन चल रहा था।

पंडाल में हमला, ध्वज फाड़ा गया

घटना उस समय हुई जब संध्या के वक्त पंडाल में भजन चल रहा था। तभी पास के मोहल्ले में रहने वाले शमशाद हफिज और उसके बेटों के साथ करीब 10–12 मोटरसाइकिलों पर सवार बाहरी शरारती तत्व, जो धारदार हथियारों से लैस थे, पंडाल में पहुंचे। उन्होंने भजन-कीर्तन बंद करवाया और आयोजकों पर हमला कर दिया।
माता के भक्तों को गाली-गलौज करते हुए उन्होंने पंडाल में लगे धार्मिक ध्वज को उखाड़कर फेंक दिया।

ग्रामीणों की भीड़, प्रशासन सतर्क

घटना की खबर मिलते ही आसपास के गांवों से हजारों ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। मामला बढ़ता देख प्रशासन हरकत में आया और देर रात तक समझाइश के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई। दो आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया, हालांकि उनमें से एक को थाने ले जाकर छोड़ दिया गया।

विहिप-बजरंग दल का हस्तक्षेप

अगले दिन सुबह हिंदू पक्ष विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के नेतृत्व में इकट्ठा हुआ। इस दौरान क्षेत्राधिकारी हर्रैया संजय कुमार सिंह, उपजिलाधिकारी न्यायिक और थाना प्रभारी तहसीलदार सिंह से वार्ता हुई। उन्होंने कहा कि दोषियों की गिरफ्तारी और मुकदमे की कॉपी प्रस्तुत करने के बाद ही बातचीत आगे बढ़ेगी।
थाना प्रभारी ने मुकदमा संख्या 0265/2025, दिनांक 26/9/2025 की कॉपी लोगों को दिखाई। इसमें आरोपियों के नाम – आफताब खान, जीशान, अब्दुल शमद, कासिम और कल्लू दर्ज थे। भीड़ ने इन पर बुल्डोजर कार्रवाई की मांग रखी। प्रशासन ने नजूल भूमि पर अतिक्रमण हटाने का आश्वासन दिया, जिसके बाद आंदोलन टल गया।

हिंदू पक्ष पर पलटवार मुकदमा

लेकिन तीसरे दिन ही हिंदू पक्ष पर पलटवार करते हुए मुकदमा दर्ज कर लिया गया। मुकदमा संख्या 02662/2025, दिनांक 26/9/2025 धारा 191/2, 352, 326F बीएनएसएस के तहत अभियुक्त बनाए गए – अरविंद चौधरी, राजपटवा, संदीप वर्मा, राजेन्द्र सिंह और 5–6 अज्ञात। पुलिस ने इन्हें कभी भी गिरफ्तार करने की चेतावनी दी।

चौथे दिन हिंदू महासंगम

चौथे दिन हिंदू महासंगम हुआ और रजवापुर-श्रृगीनारी मार्ग पर लोगों ने धरना दिया। इस बार भीड़ आर-पार के मूड में थी। प्रशासन इसकी आशंका नहीं कर पाया था।
लोगों का आरोप था कि प्रशासन दोषियों पर कार्रवाई करने के बजाय हिंदू पक्ष को दबाने और मुकदमे को रफा-दफा कर मुस्लिम पक्ष को लाभ पहुंचाने में लगा है। वहीं, जीशान और उसके सहयोगियों ने सोशल मीडिया पर बार-बार धमकियां दीं, जिससे जनाक्रोश और बढ़ गया।

नेताओं का हस्तक्षेप

स्थिति बिगड़ती देख प्रशासन ने स्थानीय भाजपा नेताओं से मदद मांगी। विधायक अजय सिंह और अन्य नेताओं ने हस्तक्षेप कर समझौते का प्रयास किया। आखिरकार दो सिपाहियों और एक दरोगा को बलि का बकरा बनाकर निलंबित किया गया और हिंदू पक्ष पर दर्ज मुकदमे को वापस लेने का आश्वासन दिया गया। इसके बाद देर शाम धरना समाप्त हो गया।

मूर्ति विसर्जन को लेकर आशंका

हालांकि अभी भी स्थिति पूरी तरह शांत नहीं मानी जा रही है। आशंका जताई जा रही है कि यदि हिंदू पक्ष पर दर्ज मुकदमा वापस नहीं लिया गया, तो मूर्ति विसर्जन के दिन कोई बड़ा विवाद खड़ा हो सकता है।

Advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button