Uncategorized

रायपुर दक्षिण उपचुनाव….नतीजे पर निर्भर करेगा कांग्रेस पार्षदों का भविष्य: लीड दिलाने वाले सक्रिय चेहरे को निकाय-चुनाव में मिलेगा मौका,दावेदारों को भी दिखानी होगी ताकत

Advertisement
Advertisement

रायपुर दक्षिण उपचुनाव के नतीजों का असर वार्डों के पार्षदों के भविष्य पर भी पड़ेगा। अगर चुनाव नतीजे पार्टी के पक्ष में नहीं आए तो निकाय चुनाव में इन पार्षदों के टिकट भी कट सकते हैं। उपचुनाव न सिर्फ पार्टी के लिए अहम है, बल्कि यह उन सभी पार्षदों के लिए

पहले समझिए सीट का सियासी समीकरण

रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में कुल 19 वार्ड हैं। जिसमें बीजेपी के 8 पार्षद, कांग्रेस के 9 और 2 निर्दलीय पार्षद शामिल हैं, जो फिलहाल कांग्रेस को समर्थन दे रहे हैं। यानी की अभी कांग्रेस के पास इस क्षेत्र में 19 में से 11 पार्षद हैं, बाकी वार्डों में छाया पार्षद भी मौजूद हैं।

पार्षद कांग्रेस के ज्यादा फिर भी हार

वैसे तो इस सीट के वार्डों में कांग्रेस के पार्षदों की संख्या ज्यादा है। लेकिन यहां से हमेशा भाजपा ही आगे रहती है, फिर वो चाहे विधानसभा का चुनाव हो या फिर लोकसभा का। छह महीने के भीतर हुए इन दोनों ही चुनावों में जनता ने बृजमोहन को एकतरफा समर्थन दिया है। ऐसे में इस दक्षिण के चुनाव में पार्षदों का राजनीतिक कैरियर भी दांव पर लग गया है।

लीड दिलाने की जिम्मेदारी

कांग्रेस ने अपने पार्षदों और छाया पार्षदों को अपने-अपने वार्ड से लीड दिलाने का जिम्मा दिया है। पीसीसी चीफ दीपक बैज ने भी मीटिंग में निकाय चुनाव के दावेदारों को यह स्पष्ट कह दिया है कि, वो उपचुनाव में अपनी सक्रियता दिखाएं। इसी के आधार पर आगे के फैसले लिए जाएंगे।

इस विधानसभा में 8 महिला पार्षद

इस विधानसभा के 19 वार्डों में से 8 में महिला पार्षद हैं। जिसमें से पांच बीजेपी और तीन कांग्रेस की महिला पार्षद हैं। कांग्रेस इनके जरिए बिजली बिल और महंगाई के मुद्दों को खड़ा करने की तैयारी कर रही है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button