रायगढ़ – जिले के जूटमिल थाने अन्तर्गत अवैध गांजे का व्यापार खुलेआम धड़ल्ले से किया जा रहा है। मुख्य मार्ग समेत गलियों में बिक रही यह नशीली वस्तुएं युवाओं की जिंदगी तबाह कर रही है । सूत्रों की बात मानें तो इस थाना में कई माह से स्थिति यह हो गई है जगह-जगह खुलेआम गांजे व शराब की बिक्री हो रही है। गली मोहल्ले में गांजा आसानी से मुहैया हो रहा है। लेकिन प्रशासन जानबूझकर बेखबर और मोन बना हुआ है। लेकिन प्रशासन जानबूझकर बेखबर और मोन बना हुआ है। क्षेत्र चल रहे इस अवैध कारोबार की जोर शोर से चल रही है जगह-जगह अवैध गांजा एवं शराब बेचा जा रहा है, और यह सब कारोबार पुलिस की मिलीभगत से फल फूल रहा है। कुछ जगह तो कुछ इस तहर है जहां लगता है मेला जैसे लगता है आ गया कोई मेला, आने जाने की मिलती है हर खबर लगता है मिला हुआ है कोई बे-खबर।
तो आपको यह भी बात बतादे मुख्य सड़क और गलियों से से लेकर चौक चौराहों पर भी मिस्त्री बन कर करता है यह गांजे का कारोबार जो कि पुलिस ने नाक के नीचे से चल रहा है यह कारोबार। देखा जाए तो मुख्य चौक में होना और खुल्ले आम बेचना वह भी खुल्ले आम आने जाने वाला लोगो के बीच में जोकि लोगों के सामने उसके बाद भी नहीं हो रही उसके ऊपर कार्यवाही।
इन पर नहीं होती कार्यवाही आपकों बता दें कि जब भी पुलिस कप्तान के द्वारा निर्देशित किया जाता है कि अपने अपने क्षेत्रों में अवैध कारोबार पर अभियान चलाकर उन पर शिकंजा कसे लेकिन इधर इस थाना प्रभारी को कोई असर नहीं पड़ता है और नहीं इन अवैध कारोबारियों पर चाबुक चलाता है इसलिए इस क्षेत्र में काफी दिनों से गांजे का अवैध कारोबार खुलेआम हो रहा है। मुख्य सड़क से लेकर गली मोहल्ले तक फैला यह व्यापार तेजी से लोगों के बीच नशा बांट रहा है। यह खेल कमीशन का खेल हैं तो चलेगा और दौड़ेगा भी।
लेकिन इन कारोबारियों के ऊपर किसी भी प्रकार का अंकुश नहीं लगा पा रहा है। जिसके परिणाम स्वरूप क्षेत्र में आए दिन अपराध और युवा पीढ़ी इस घातक नशे की लत में डूबते जा रहें हैं।
जहां मौक़ा मिला चढ़ा लेते हैं-अक्सर देखा जाता है कि नशे के आदि व्यक्ति कही भी चिलम सुलगाने लगते हैं। चाहे वह सार्वजनिक स्थान हो या फिर खुला मैदान, इतना ही नहीं इस तरह का नशा करने लोग सड़क के किनारे भी बैठ कर चिलम चढ़ाने लगते हैं। जानकारी के अनुसार गांजे का कारोबार रसूखदार और इस नशे को अधिकतर युवा छोटे तबके के लोग कर रहे हैं।
इन जगहों पर हो रही खुलेआम बिक्री – मुख्य सड़क के ऊपर में अवैध रूप से बिक रहे गांजा जगह-जगह मुहैया कराया जा रहा है। क्षेत्र में आसानी से खुलेआम गांजा और अवैध शराब बेची जा रही है। लेकिन इसकी जानकारी सिर्फ आबकारी और पुलिस प्रशासन को नहीं है। पुलिस द्वारा कार्यवाही नहीं करने से बेखौफ करोबारी नशे के नाम पर मौत के समान को खुले तौर से बेच रहे हैं।
पुलिसकर्मियों के संरक्षण में चल रहा कारोबार
गाड़ियों एवं मुख्य सड़क में गांजे की बिक्री के लिए बदनाम है। और बेधड़क गांजा एवं शराब बिकता है। यह करोबार नगर व गलियों में बेधड़क होता है मगर पुलिस को कभी गांजे का कारोबार करने वाले नजर नहीं आते। कुछ तो लगता है पुलिसकर्मी के संरक्षण में गलियों का यह इलाका युवाओं को गांजे की लत लगाकर खोखला कर रहा है।
यह है पुड़िया के रेट-इन क्षेत्रो में गांजे का करो पुड़िया में होता है पुड़िया के दाम भी ग्राहक के हिसाब से तय होता है। डेरे में 20 रुपए 50 रूपए 100 रूपए से लेकर 200 रूपए तक की पुड़िया उपलब्ध है। 100 रूपए थोड़ा थोड़ा पतला और 200 रूपए गांजा मोटा होता है। गांजा पीने वालों की भाषा में उसे बाबा की जड़ी-बूटी, प्रशाद, पुड़िया आदि के नाम से बुलाया जाता है।
युवा पीढ़ी हो रही बरबाद क्षेत्र में नशाखोरी का
सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। शराब के नशे से तो हर कोई परिचित हैं लेकिन इन दिनों क्षेत्र के युवा वर्ग गांजे के नशा का खुमार चढ़ा हुआ है। इस नशे की गिरफ्त में दस साल से लेकर अधिक उम्र के लोग शामिल हैं। जिनको इस नशे की लत ने इस कदर जकड़ रखा है कि क्षेत्र के आसपास के कई ऐसे ठिकाने बन चुका है जहां गांजा शराब के नशे का मजा लेने युवा पीढ़ी से लेकर बच्चे, बूढ़े पहुंचते हैं। ज्ञात कि गांजा प्रेमियों को मुख्य सड़क ओर गलियों में गांजा बडी आसानी से उपलब्ध हो जाया करता है और यह सिलसिला अभी नहीं बल्कि सालों तक रोकथाम नहीं किया जा सका है लेकिन गांजा के नशे की लत में अब युवा वर्ग ज्यादा डूबते जा रहे हैं। जो योजना इस नशे के आदि बन चुके हैं और सबसे चौंकने वाली बात यह है कि इनमें से कई अच्छे परिवारों से नाता रखने वाले युवा लोग हैं जिनको इस नशे की लत बूरी तरह लग चुकी है।
पुलिस कप्तान की कमजोरी
कारण यह है कि पुलिस अधीक्षक की कसावट की कमी की वजह से मौज कर रहे बोड़ला थाना प्रभारी,जबकि कई बार इस तरह मामले में अप्रिय घटना घटित हो चुकी है,सीधी बात कहे तो पूरी लापरवाह अधिकारी की जिम्मेदारी है अगर जल्द ही पुलिस कप्तान इस विषय की सही समय मे संज्ञान नही लेते हैं, तो बड़ी घटना घट सकती हैं,जिसकी जिम्मेदारी किसकी होगी ?
अब इस थाना में पदस्थ जमें बेखौफ विभीषणों की वज़ह से कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है जिसका खामियाजा युवा पीढ़ी उठा रही है। और अब पुलिस कप्तान का इस ओर शिकंजा कसने का इंतजार लोग कर रहे..