छत्तीसगढ़

मॉं को साथ रखने की बात को लेकर पति-पत्नी में हुआ था विवाद,हत्या

Advertisement

कोरबा। तीन साल पहले पत्नी की हत्या कर सेप्टिक टैंक में लाश को फेंक कर छुपा देने के मामले में न्यायालय ने दोषसिद्ध पाए जाने पर पति को उम्रकैद की सजा से दंडित किया है। बालको थानांतर्गत ग्राम रुमगरा के गौटिया मोहल्ला में रवेन्द्र कुमार राजपूत अपनी पत्नी बुधवारा बाई राजपूत 35 वर्ष, मां और दो बच्चों के साथ निवासरत रहकर दूध बेचने का व्यवसाय करता था।

19 जुलाई 2022 को थाना बालको में बुधवारा बाई के गुम हो जाने की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। गुमशुदगी की सूचना दर्ज कराने के बाद व इसका पता चलने पर बुधवारा का भाई राजू राजपूत बहन के घर आया। नहीं दिखने से संदेह होने पर सेप्टिक टैंक के ऊपर पड़ी लकड़ी हटे होने से संदेह पर जब गड्ढे में खोदकर देखा तो लाश बरामद हुई। इस मामले की सूचना बालको पुलिस को दी गई। पुलिस ने बुधवारा के पति रवेन्द्र को तत्काल हिरासत में ले लिया।

पूछताछ में उसने बताया कि मां को साथ में रखने की बात पर पति-पत्नी के बीच विवाद होता था। पत्नी चाहती थी कि मां साथ में न रहे जबकि रवेन्द्र मां को साथ रखना चाहता था। इसी बात पर दोनों में एक दिन पहले फिर विवाद हुआ और जब पत्नी सोई हुई थी तब लाठी से ताबड़तोड़ वार कर मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद शव को खींचकर घर के पीछे सेप्टिक टैंक के गड्ढे में दबा दिया। तत्कालीन बालको थाना प्रभारी निरीक्षक विजय चेलक ने आरोपी को गिरफ्तार कर हत्या में प्रयुक्त लाठी व अन्य सामान जप्त किया। आरोपी के विरुद्ध धारा 302, 201 भादवि के तहत जुर्म दर्ज किया गया। पश्चात प्रकरण को विचारण हेतु न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।

विशेष लोक अभियोजक सुनील सोनवानी ने बताया कि न्यायालय प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश कोरबा (पीठासीन न्यायाधीश संतोष कुमार आदित्य) ने दोषसिद्ध पर अभियुक्त रवेंद्र कुमार राजपूत, पिता-स्व. रामकुमार राजपूत, 37 वर्ष, निवासी रुमगरा थाना बालकोनगर को कारित अपराध की प्रकृति एवं परिस्थिति को देखते हुये न्याय उद्देश्य की पूर्ति हेतु भा.दं.सं. की धारा 302 के अपराध हेतु आजीवन कारावास एवं 5,000 रुपये के अर्थदण्ड तथा धारा 201 के अपराध हेतु एक वर्ष के सश्रम कारावास एवं 500 रुपये के अर्थदण्ड के दण्डादेश से दंडित किया है। अर्थदण्ड की अदायगी में व्यतिक्रम किये जाने पर अभियुक्त को प्रत्येक अपराध हेतु 6-6 माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा पृथक से भुगतायी जावेगी।

Advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button