नेचर कैंप में विकास कार्य के नाम पर फिर एक बार धांधली का दस्तक अपने चरम स्थिति पर
जिले के अंतर्गत बहुत पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा गंगनई जलाशय स्थित नेचर कैंप में पहले भी करोड़ों रुपए धांधली का मामला उजागर हो चुका है ।
सरकार द्वारा वहां की स्थिति को और भी मनमोहक बनाने के लिए करोड़ों रुपया की सौगात प्रदान तो करती है । लेकिन वहां सिर्फ नाम मात्र का समिति गठित है जिसके संरक्षण व देखरेख के लिए वन विभाग द्वारा अपने बीट गार्ड या वनपाल को नेचर कैंप का प्रभार प्राप्त होता है ।
कार्य के नाम पर कितना विकास और सौंदर्य करण हो रहा है।
आप वीडियो और फोटो के माध्यम से देख सकते हैं लाइट रिपेयरिंग और नल रिपेयरिंग के नाम पर न जाने कितने लाख रुपए का फर्जी बिल बनाकर वहां से जुड़े अधिकारी व कर्मचारी डकार गए होंगे ।
वही विकास कार्य के नाम पर जो रूम बनाया गया है ।
उसे देखकर यही प्रतीत हो रहा है कि यहां विकास कार्य के नाम पर सरकार के द्वारा प्रदान किए गए राशि का किस तरह से बंदर बाट हो रहा है।
सौंदर्यीकरण और विकास पर्यटक स्थलों में हो या ना हो लेकिन वहां से जुड़े हुए अधिकारी कर्मचारियों का स्वयं का विकास आवश्य देखने को मिल जाएगा।
गौरतलब वाली बात यह है कि शासन प्रशासन इसे आंख बंद कर स्वीकार करेगी या कोई ठोस निर्णय लगी ।