उज्जवल दीवान के नेतृत्व में आरोपियों को दी गई प्रतीकात्मक फासी
सूरजपुर पुलिस परिवार से कोई नहीं हुआ शामिल प्रशासन ने लगाई रोक या फिर उन्हें नहीं था घटना का दुख?
उम्मीद थी कि सूरजपुर की हुई घटना में सूरजपुर पुलिस परिवार के सदस्य होंगे शामिल पर नहीं शामिल होना समझ के परे।
सूरजपुर। संयुक्त पुलिस परिवार के संचालक उज्जवल दीवान के नेतृत्व में पुलिसकर्मी की पत्नी व बेटी के हत्यारे पांच आरोपियों के पुतले को सूरजपुर के पुराना बस स्टैंड में प्रतीकात्मक फांसी दी गई और उनके पुतले को जलाया गया। इस दौरान काफी संख्या में लोग उपस्थित रहे पर जिन्हें उपस्थित होना था उनका उपस्थित न होना लोगों के लिए निराशाजनक न रहा, जिस जिले के पुलिस कर्मचारी की पत्नी व बेटी के साथ इतना अत्याचार हुआ कम से कम उस जिले के पुलिसकर्मियों के परिवार के सदस्यों को वहां उपस्थित होना था पर उनका उपस्थित न होना लोगों को नागवार गुजरा, लोगों ने कहा कि लगता है कि पुलिसकर्मियों के साथ-साथ पुलिसकर्मियों के परिवार को भी इस घटना का अफसोस नहीं है…
या फिर प्रशासन ने पुलिस परिवार के लोगों को भी वहां शामिल होने से रोक दिया? सूरजपुर में बीते दिनों घटित हुई दोहरा हत्याकांड जिसमें पुलिस कर्मचारी की पत्नी व बेटी की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी, उसके विरोध में सूरजपुर पुराना बस स्टेंड में आजाद जनता पार्टी के उज्ज्वल दीवान के नेतृत्व में हत्यारों को फांसी देने की मांग रखी गई।
पुलिसकर्मी के निर्दोष पत्नी व उसकी बेटी के सभी हत्यारों को फासी दिए जाने की मांग को लेकर नगर के पुराने बस स्टैंड में कार्यक्रम रखा गया था, जिसमें पुलिस परिवार के कुछ सदस्यों सहित समाज के अन्य लोग और कई प्रतिष्ठित लोग शामिल हुए, जिसमें नगर पालिका अध्यक्ष के के अग्रवाल ने जिला प्रशासन से मांग किया की जिला प्रशासन हमें आदेश दे इनका घर बुलडोजर से तोड़ा जाए और अवैध अतिक्रमण हटाया जाए, और उस स्थान पर मृतकों के नाम से पार्क बनाया जाएगा। जिसके लिए सूरजपुर नगर पालिका अध्यक्ष ने अपने निधि से 10 लाख देने की घोषणा की। जिला प्रशासन तत्काल नगर पालिका को अनुमति दे तो हम यह काम करके दिखा देंगे यह भी नगर पालिका अध्यक्ष ने कहा।
पुलिस प्रताड़ना की वजह से नौकरी छोड़ दी और अब पुलिस परिवार के लिए खड़ा हूं-
मैं पूर्व उज्ज्वल दीवान पुलिस विभाग में पदस्थ था। प्रताड़ना की वजह से नौकरी छोड़ दी क्योंकि अन्याय नहीं सह पा रहा था। उन्होंने प्रताड़ना से अपनी नौकरी छोड़ दी उन्होंने अन्याय नहीं सह और लोगों में यह संदेश भी दिया की उज्ज्वल दीवान ने लगातार पुलिस विभाग में पदस्थ कर्मचारियों के परिवार के लिए के लिए मैं हमेशा खड़ा हूं।
पांच आरोपियों को फांसी होनी चहिए उसके लिए उच्च न्यायालय से और मुख्यमंत्री से ओर गृह मंत्री से निवेदन करता हूं की फास्ट्रेक कोर्ट में 15 दिवस के अंदर कार्रवाई करा कर पूरे देश में एक संदेश दे की ऐसे हत्यारों को जीने का कोई अधिकार नहीं है, हमारे संयुक्त पुलिस परिवार के कुछ मताएं आई है आज जनता और पुलिस एक मंच पर खड़ी है आज मैं सूरजपुर बार एसोसिएशन और वकील बंधु से और पूरे छत्तीसगढ़ के निवेदन करना चाहूंगा कि ऐसे हत्यारों का कैस कोई न लड़े, इन हत्यारों को 15 दिवस के अंदर फासी तय होनी चाहिए, जिस दिन इनका पुलिस रिमांड खत्म होगा उसे दिन के बाद से इन्हें सूरजपुर जेल में नहीं रखना है, इन आरोपियों को छत्तीसगढ़ के आखिरी को ने सुकमा, बीजापुर, जगदलपुर, के जेल में रहना चाहिए, उन्होंने कहा कि अगर यह आरोपी सूरजपुर जेल में रहेंगे तो और कुछ भी घटना घट सकती है, उनको बचाने के लिए लोग प्रयास कर सकते है,
ऐसे लगों को सूरजपुर से दूर जेल में रखना होगा तभी इन्हें पता चलेगा की ऐसे कृत का क्या अंजाम होता है, हमारी प्यारी सी गुड़िया और वही हमारी माता जिनका कोई कसूर नहीं था जिनका इन्हों ने निर्मम से हत्या कर दिया, आज इनके साथ हुआ है कल किसी के भी साथ हो सकता है, ये हत्यारे नहीं है नहीं राक्षस है, यह हमारे देश को और समाज को गड्ढे में ले जाने के लिए पैदा हुए थे, अब वह समय आ गया है माननीय न्यायालय के लिए ओर राज्य शासन के लिए त्वरित कार्रवाई करके इन्हें फांसी के फंदे में 15 दिवस के अंदर लटकाया जाए। शासन जब करवाई करेगी तब करेगी लेकिन आज हम प्रतीकात्मक रूप से के रूप में इनके पुतलों को हम लटकाएंगे फांसी के फंदे पर और जलाएंगे भी। मैं अपने पुलिस प्रशासन से भी निवेदन करुंगा लिखा पढ़ी इतनी मजबूत करें इन्हें बचाने का एक भी मौका ना मिले।