Modi Cabinet Minister: पीएम मोदी की नई कैबिनेट का हिस्सा बने ये 6 पूर्व मुख्यमंत्री, राजनीतिक परिवारों से है संबंध
नई दिल्ली। Modi Cabinet Minister: नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के लिए रविवार को शपथ लेने वाली मंत्रिपरिषद में 33 नए चेहरे शामिल हुए हैं। इनमें से कम से कम छह मंत्री मशहूर राजनीतिक परिवारों से ताल्लुक रखते हैं। कल शाम को पीएम मोदी के साथ 71 सांसदों ने मंत्री पद की शपथ ली। कैबिनेट में कुल 30 मंत्रियों को शामिल किया गया है। इसके अलावा, मोदी सरकार 3.0 में पांच स्वतंत्र प्रभार वाले मंत्री बनाए गए हैं। वहीं 36 सांसदों को राज्य मंत्री बनाया गया है। कैबिनेट में इस बार 7 महिलाएं शामिल हैं। पहले टर्म में 8 और दूसरे टर्म में 6 महिलाएं थीं। सबसे युवा TDP के राम मोहन नायडू और सबसे बुजुर्ग 79 साल के जीतनराम मांझी को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है।
बता दें कि मोद कैबिनेट में 6 पूर्व मुख्यमंत्रियों को भी जगह मिली है। इनमें पूर्व मुख्यमंत्रियों को कैबिनेट में जगह मिली है उनमें शिवराज सिंह चौहान (मध्य प्रदेश), राजनाथ सिंह (उत्तर प्रदेश), मनोहर लाल खट्टर (हरियाणा), सर्बानंद सोनोवाल (असम), एच डी कुमारस्वामी (कर्नाटक) और जीतन राम मांझी (बिहार)शामिल हैं। इनमें से पांच पूर्व मुख्यमंत्री भारतीय जनता पार्टी से हैं, जबकि कुमारस्वामी जनता दल-सेक्युलर और मांझी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा का प्रतिनिधित्व करते हैं।
शिवराज सिंह चौहान- साल 1990 में पहली बार बुधनी से चुनाव जीतकर विधायक बने शिवराज सिंह चौहान की गिनती बीजेपी के कद्दावर नेताओं में होती है। 6 बार सांसद रहे रहे शिवराज सिंह चौहान चार बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं। उन्होंने 2000 से 2003 तक भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पार्टी के राष्ट्रीय सचिव के रूप में भी काम किया।
राजनाथ सिंह- राजनाथ ने अपनी सियासी पारी साल 1974 में शुरू की और 1977 में वह पहली बार विधायक चुने गए। 1988 में एमएलसी बनने के बाद 1991 में यूपी के शिक्षा मंत्री बने। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। साल 1994 में वह राज्यसभा सांसद चुने गए। इसके बाद 1999 में पहली बार उन्हें केंद्रीय परिवहन मंत्री बनाया गया। इसके बाद अक्टूबर, 2000 में वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री चुने गए।
मनोहर लाल खट्टर- मनोहर लाल खट्टर की पहचान एक राजनेता के तौर पर कम और आरएसएस के प्रचारक के तौर पर ज्यादा रही है. वो 1977 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में शामिल हुए थे। 2000-2014 के दौरान, खट्टर हरियाणा में भाजपा के संगठन महासचिव पर थे और 2014 में हरियाणा के विधानसभा चुनाव में बतौर उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे और भारी मतो से जीत के बाद बीजेपी विधायक दल के नेता चुन गए। मुख्यमंत्री पद से नवाजा गया। खट्टर ने करीब 10 सालों तक मुख्यमंत्री के रूप में राज्य की सेवा की।
सर्बानंद सोनोवाल- सर्बानंद सोनोवाल असम से आते हैं। इस बार उन्होंने असम की डिब्रूगढ़ सीट से 279321 वोट से जीत हासिल कर ली। 2012 से 2014 तक और फिर 2015 से 2016 तक BJP के असम राज्य अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है और 2014 से 2016 तक भारत सरकार के खेल और युवा मामलों के मंत्री के रूप में भी काम किया है। साल 2016 के विधानसभा चुनाव जीतकर असम के मुख्यमंत्री बने।
एचडी कुमारस्वामी- पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के बेटे कुमारस्वामी 2006 से 2007 के बीच और 2018 से 2019 के बीच दो बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे हैं।
जीतनराम मांझी- साल 1980 में कांग्रेस के टिकट पर गया के फतेहपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़कर विधायक बने थे। जीतन राम मांझी जनता दल (1990-1996), राष्ट्रीय जनता दल (1996-2005) और जेडीयू जैसे (2005-2015) दलों में रहे। साल 2014 में नीतीश कुमार ने लोकसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए सीएम पद से इस्तीफा दे दिया और अपनी जगह जीतन राम मांझी को राज्य का नया मुख्यमंत्री बना दिया।