छत्तीसगढ़शिक्षा

तिमाही परीक्षा शुरू, छात्रों को अब भी किताबों का इंतजार परीक्षा में छात्र परेशान

Advertisement
Advertisement

पुस्तक वितरण प्रभारी प्रतीक वर्मा ने बताया कि कक्षा तीसरी, चौथी और पांचवीं के हिंदी विषय के 1500-1500 किताबों के सेट पाठ्य पुस्तक निगम से मंगाए गए थे, लेकिन निगम की ओर से अब तक आपूर्ति नहीं हुई है। इस वजह से लगभग 1500 छात्रों को अब तक किताबें नहीं मिल सकी हैं, जिससे उनके अध्ययन में बाधा आ रही है।

बिलासपुर। प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं में तिमाही परीक्षाएं शुरू हो चुकी हैं, लेकिन मस्तूरी और बिल्हा ब्लाक की दर्जनभर से अधिक शालाओं में अब तक किताबों की कमी बनी हुई है। शैक्षणिक सत्र के तीन महीने बीतने के बावजूद छात्रों को पाठ्यपुस्तकों का इंतजार है।संकुल समन्वयक के अनुसार, किताबों की मांग पहले ही भेजी जा चुकी है फिर भी अब तक आपूर्ति नहीं हो पाई है। शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में यह समस्या बनी हुई है।

निरीक्षण के दौरान भी सामने आई किताबों की कमी
गुरुवार को डाइट पेंड्रा के प्रसन्न मुखर्जी और दयालबंद संकुल समन्वयक आकाश वर्मा ने दयालबंद स्थित शासकीय माध्यमिक शाला का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान छात्रों और शिक्षकों ने हिंदी सहित अन्य विषयों की किताबें न मिलने की समस्या बताई। इस पर निरीक्षणकर्ताओं ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए जल्द से जल्द किताबें उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया।
यू-डाइस पोर्टल में दर्ज होती है जानकारी, फिर भी किताबों की कमी
संकुल समन्वयकों के अनुसार, छात्रों की संख्या की जानकारी यू-डाइस पोर्टल पर दर्ज की जाती है, इसके बावजूद किताबों की कमी बनी रहती है। इस पर बिलासपुर पाठ्य पुस्तक निगम डिपो के प्रबंधक शेखर सिंह का कहना है कि यू-डाइस पर दर्ज छात्रों की संख्या पिछले वर्ष की होती है। नए छात्रों के दाखिले से संख्या बढ़ जाती है, जिससे किताबों की आपूर्ति कम पड़ जाती है। हिंदी पुस्तकों की कमी के बारे में उन्होंने बताया कि पाठ्य पुस्तक निगम से किताबों की मांग की गई है, लेकिन अब तक आपूर्ति नहीं हो पाई है।
पत्राचार में ही बीत जाता है साल
पिछले साल भी पूरे सत्र के दौरान कक्षा पांचवीं की हिंदी की किताबें नहीं आई थीं। इसी तरह की स्थिति इस बार भी देखने को मिल रही है। किताबों की कमी के लिए जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से माध्यमिक शिक्षा मंडल को डिमांड ड्राफ्ट भेजना पड़ता है, पर किताबें कब और कितनी आएंगी इसकी कोई स्पष्ट जानकारी शिक्षा विभाग के पास नहीं होती। इस तरह पत्राचार में ही पूरा साल बीत जाता है।
वर्जन
किताबें बांटी जा चुकी हैं। बीईओ से इस संबंध में जानकारी मंगाई जाएगी। अगर कमी पाई जाती है तो जल्द से जल्द किताबें उपलब्ध कराई जाएंगी।
टीआर साहू, जिला शिक्षा अधिकारी

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button