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बालिका छात्रावास में अधीक्षिका एवं चपरासी की मनमानी चरम पर

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करुणेश़्वर मुन्ना महन्त

छाल:- विकास खण्ड धरमजयगढ़ का एक ऐसा छात्रावास जो पिछले कुछ सालों से सुर्खियों में है | हम उसी छात्रावास की बात कर रहे हैं जहां पिछले वर्ष 11वीं की छात्रा की अधीक्षिका और वहां के कर्मचारियों के लापारवाही के कारण जान गवानी पड़ी थी, छात्रा हाटी छात्रावास में रहकर शासकीय आत्मानंद उच्चतर माध्यमिक शाला हाटी में पढ़ाई कर रही थी। अधीक्षिका एवं वहां की कर्मचारियों की लापरवाही के कारण उस बच्ची को अनजान व्यक्ति के साथ जाने दे दिया गया और उनके अभिभावकों को सूचना भी नहीं दिया गया |

उस छात्रा का मर्डर हो गया किंतु आज तक उस अधीक्षिका एवं एवं मंडल संयोजक पर कोई कार्यवाही नहीं हुई ना ही उन्हें आज पर्यन्त तक निलंबित किया  जा सका है | विभाग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए लीपापोती कर प्रभारी अधीक्षिका को अपने मूल पद स्थापना में भेज दिया गया और केस को दबाया गया।  वर्तमान में उसी कन्या छात्रावास  हाटी से एक समाचार निकलकर आ रही है कि 6 सितम्बर 2024 दिन शुक्रवार को चपरासी और प्रभारी अधीक्षिका की मनमानी के कारण सभी बच्चों को तीन दिन की छुट्टी कर दी गई |  बच्चों को जबरन  अभिभावकों को फोन करके तीन की छुट्टी है सभी बच्चों को लेने आ जाएं करके बुलाकर घर भेज दिया गया |

और कुछ बच्चे बस स्टैंड में बस का इंतजार उनके बिना अभिभावकों के कर रहे । छात्रावास बंद कर दिया गया है कई बच्चे घर जाना नहीं चाह रहे थे किंतु छात्रावास की एक चपरासी धनेश्वरी राठिया एवं अधीक्षिका की मिली भगत के कारण सब की छुट्टी कर दी गई। जिसके कारण कुछ बच्चे सुबह चले गए और कुछ बच्चे बचे हुए थे , जिनके लिए छात्रावास में ना खाना बनाया गया और ना ही नाश्ता दिया गया उनको रात का बासी खाना को  थोड़ा-थोड़ा खिलाया गया। एवं कुछ बच्चे जाना नहीं जा रहे थे उनके पालकों को फोन करके बच्चों को लेने बुलाया गया किंतु कार्य की व्यस्तता के कारण पालक लेने नहीं आए तो तीन चार बजे तक भूखे प्यासे छात्रावास में रहकर अपने माता-पिता का इंतजार कर रहे  रहे शाम को  अभिभावक आकर के बच्चों को घर लिए।

इस घटना से हाटी छात्रावास की कर्मचारियों की मनमानी खुलकर सामने आ रही है| छात्रावास में रह रहे बच्चों से प्राप्त जानकारी के अनुसार नाश्ता के जगह ज्यादा तर बच्चों के लिए बासी भोजन ही दिया जाता है। बच्चों को बाहर बताने के लिए मना किया जाता है अगर बाहर बताने पर  छात्रावास से निकाल देने की धमकी दिया जाता है। जिसके कारण मां-बाप को भी बताने से डरते हैं। इस तरह के कार्य का आखिर कौन है जिम्मेदार? क्योंकि अधीक्षिका को फोन करने से भी रिसीव नहीं करती है। अधीक्षिका  मिलसो लकड़ा की लापरवाही के कारण छात्रावास में कभी भी कोई भी अनहोनी बच्चों के साथ हो सकता है, उक्त घटना की जानकारी एक पालक द्वारा अपना नाम न बताने की शर्त पर बताया गया है |

जिसके अनुसार यहां की अधीक्षिका मिलसो लकड़ा खडगांव छात्रावास का भी प्रभारी अधीक्षिका है एवं हाटी छात्रावास की भी और इनका विद्यालय धर्मजयगढ़ डुगरू पारा माध्यमिक शाला है जो कि दोनों हॉस्टल में कभी कभार रहती है और बाकी समय अपना निवास स्थान पत्थलगांव में रहती है| जिसके कारण हाटी के चपरासी एवं वहां के कर्मचारियों की मनमानी बढ़ गई है और बच्चों को खाने-पीने में तकलीफ हो रही है | देखना वाली बात होगी की इस मामले में क्या कुछ कार्यवाही की जाती है यह तो आने वाले समय में पता चलेगा?

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