छत्तीसगढ़

धरमजयगढ़!क्षेत्र में शिक्षा को व्यपार बनाकर भोले भाले गरीब आदिवासी बच्चे को खूब ठगा जा रहा है?

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यहां नगर में स्थित कई ऐसे कंप्यूटर टेक्निकल संस्थान हैं जिनके पास यूनिवर्सिटी की मान्यता नहीं फिर भी डिग्री-डिप्लोमा देने का खेल खेल रहे हैं।

लीलाम्बर यादव ✍️

धरमजयगढ़ ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण कई किलोमीटर दूर से बच्चे यहां कंप्यूटर सीखने और पढऩे आते हैं। ताकी अपना भविष्य बना सके और किसी मान्यता प्राप्त संस्था से डिग्री-डिप्लोमा ले सके। पर इन कम्प्यूटराईज से इंस्टिट्यूट सेंटर द्वारा उन्हें बड़े ही शातिर तरीके से अपने जाल में फ साया जाता है। पहले उनसे कहा जाता है कि आप जिस यूनिवर्सिटी से चाहे उस यूनिवर्सिटी का सर्टिफि केट उपलब्ध करवा देंगे, यह सुनकर गांव के बच्चें घर के पास ही यूनिवर्सिटी का सर्टिफि केट मिल जाएगा सोचकर संस्था में प्रवेश ले लेते हैं। पर वही से उनके दलदल में फ सने का खेल शुरू हो जाता है। प्रवेश लेने के बाद स्टूडेंट परीक्षा तो दे देते हैं, पर उन्हें सर्टिफि केट नहीं दिया जाता। जब स्टूडेंट सर्टिफि केट की मांग करते हैं तब उन्हें यह कहकर टाल दिया जाता है कि सर्टिफि केट आने में समय लगेगा। ऐसा कहकर कई साल बीत जाते हैं और यूनिवर्सिटी का सर्टिफि केट नहीं दिया जाता। सोचने की बात यह है कि यह सभी संस्थाएं पीजीडीसी के कोर्स के साथ-साथ अन्य कई और कोर्स का ऑफ र भी देती है। जिसमें एमएससी और बीएससी जैसे महत्वपूर्ण कोर्स भी करवाने का दावा करते हैं। अब सवाल यह खड़ा होता है कि यूनिवर्सिटी जिन कोर्स के लिए अपने कैम्पस में तय सीट पर ही छात्रों को प्रवेश देती है। उन सभी कोर्स को यहां के कंप्यूटर संस्था मात्र कुछ ही रुपयों में कैसे करवा देंगे। इन्हीं के साथ यह सभी संस्था अपनी पारदर्शिता छुपाते हुए ना तो शासन के आदेश की कॉपी साझा करते हैं और ना ही यूनिवर्सिटी के आदेश की कॉपी साझा करते हैं। लम्बे समय से यह खेल प्रशसान के नाक के निचे चलते आ रहा है। ऐसे करने वालों पर अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है।

क्या कहते अधिकारी

जब इस संस्था के मान्यता के बारे में धरमजयगढ़ एसडीएम डिगेश पटेल से जानकारी मांगी गई तब उन्होंने बताया कि उन्हें इस संबंध में जानकारी प्राप्त हुई है, और उन्हें कुछ संस्था का पम्पलेट भी प्राप्त हुआ है। कुछ निजी कंप्यूटर संस्थान है जो कंप्यूटर कोर्स के साथ-साथ एमएससी जैसे एकेडमीक कोर्स भी ऑफ र कर रहे हैं। और उनके मान्यता प्राप्त होने का कोई उल्लेख नहीं है। ऐसे संस्थानों को नोटिस जारी किया जा रहा की किस आधार पर ऐसा घोषणा किया जा रहा। यदि छात्रों के भविष्य के साथ उन्हें खिलवाड़ करते पाया गया तब इन संस्था और उनके संचालकों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी।

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