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मैं उनमें से एक हो सकती थी…’ पूर्व आईएएस ने बयां किया कोचिंग के दिनों का अनुभव

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UPSC Coaching Delhi: दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में स्थित यूपीएससी कोचिंग सेंटर में जलभराव के चलते तीन स्टूडेंट्स की मौत हो गई. इस हादसे ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है. कोई सिस्टम पर सवाल उठा रहा है तो कोई यूपीएससी कोचिंग के संचालकों पर. इसी बीच पूर्व आईएएस तनु जैन, अभिषेक सिंह व आईएएस डॉ. अर्जुन गौड़ा समेत कई अफसरों ने सोशल मीडिया पर अपने अनुभव शेयर किए हैं.

नई दिल्ली (UPSC Coaching Delhi). हर साल लाखों स्टूडेंट्स यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करते हैं. उनमें से ज्यादातर युवा यूपीएससी कोचिंग का सहारा लेते हैं. दिल्ली व प्रयागराज को यूपीएससी कोचिंग का गढ़ माना जाता है. 27 जुलाई की शाम दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में स्थित Rau’s IAS कोचिंग सेंटर में हुए हादसे ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. इस कोचिंग के बेसमेंट में अवैध लाइब्रेरी संचालित की जा रही थी. तेज बारिश के चलते वहां जलभराव हो गया और 3 स्टूडेंट्स की डूबने से मौत हो गई.

इस हादसे ने हर किसी को झकझोर दिया है. इन कोचिंग सेंटर्स के खिलाफ सालों से शिकायतें दर्ज की जा रही हैं लेकिन इन पर कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है. हालांकि अब सरकार से लेकर अभिभावक और सिविल सर्वेंट्स तक, सभी अलर्ट मोड में आ चुके हैं (Rau’s IAS Haadsa). पूर्व आईएएस डॉ. तनु जैन (Dr. Tanu Jain) व अभिषेक सिंह के साथ ही कई मौजूदा अफसरों ने राव आईएएस कोचिंग हादसे पर अपने विचार शेयर किए हैं.

Dr. Tanu Jain: मैं भी वहीं रहती थी- डॉ. तनु जैन, पूर्व आईएएस
चर्चित पूर्व आईएएस अधिकारी डॉ. तनु जैन ने सोशल मीडिया पर लिखा- मैं भी एक एस्पिरेंट थी और राजेंद्र नगर में रहती थी. यूपीएससी सिविल सर्विस की तैयारी के दौरान वहां की लाइब्रेरी में जाया करती थी. मैं उनमें से एक हो सकती थी, आप उनमें से एक हो सकते थे. यह न सिर्फ दुखद है, बल्कि दिल दहला देने वाला भी. मानव जीवन की क्षति मुझे निःशब्द कर देती है. मैं एक मां हूं और एक पेरेंट के लिए अपने बच्चे को खोने का दर्द सबसे बुरा होता है. मुझे नहीं पता कि क्या कहूं जिससे दर्द कम हो जाए, शब्द ही नहीं हैं

Dr. Arjun Gowda IAS: रहने लायक जगह नहीं है- डॉ. अर्जुन गौड़ा, आईएएस
डॉ. अर्जुन गौड़ा 2019 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. वह मध्य प्रदेश कैडर में पोस्टेड हैं. उन्होंने ओल्ड राजेंद्र नगर हादसे में अपनी जान गंवाने वाले स्टूडेंट्स के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा- ओल्ड राजेंद्र नगर में स्टूडेंट्स की रहने की स्थितियां लगभग हमेशा भयानक होती हैं. इस परीक्षा को पास करने के लिए दिल्ली शिफ्ट होकर ऐसे हालात में रहना जरूरी नहीं है. मैं भी नहीं रहा था. मेरी तरह सैकड़ों स्टूडेंट्स ने यहां रहे बिना परीक्षा पास की.

Somesh Upadhyaya IAS: घर से भी कर सकते हैं तैयारी- सोमेश उपाध्याय, आईएएस
सोमेश उपाध्याय ओडिशा के देवगढ़ में कलेक्टर और डीएम के पद पर तैनात हैं. उन्होंने राव आईएएस कोचिंग हादसे पर लिखा है- तथाकथित ‘यूपीएससी के केंद्र’ से दिल दहला देने वाले दृश्य. यह हममें से कोई भी हो सकता था. माता-पिता को अपने बच्चों को ऐसी जगहों पर नहीं भेजना चाहिए, जहां उनका इस तरह से शोषण किया जाता हो. घर या लोकल लाइब्रेरी में तैयारी करना बेहतर ऑप्शन है. इससे आपको कोई नुकसान नहीं होगा.

Sukeerti Madhav Mishra, IPS: तंगहाल है वहां की स्थिति- सुकीर्ति माधव मिश्रा, आईपीएस
सुकीर्ति माधव मिश्रा 2015 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं. वह यूपी कैडर की अफसर हैं. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा- मैंने कोल इंडिया में काम करते हुए यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की. मैं यूपीएससी मुख्य परीक्षा और मॉक इंटरव्यू के लिए कुछ समय के लिए दिल्ली गई थी (कोई कोचिंग नहीं ली). सूचना की अधिकता, खराब रहन-सहन की स्थिति, रूम ओनर्स, दलालों, कोचिंग संस्थानों आदि का शोषणकारी रवैया काफी कमजोर करने वाला था.

Abhishek Singh: कोचिंग सेंटर्स को देना होगा हिसाब- अभिषेक सिंह, पूर्व आईएएस
ओल्ड राजेंद्र नगर में आईएएस अभ्यर्थियों की डूबने से मौत की दिल दहला देने वाली खबर. ईश्वर उनके परिवारों को इस दुख से उबरने की शक्ति दे. माता-पिता अपने बच्चों को बहुत उम्मीद और कोशिशों के साथ दिल्ली भेजते हैं. एक मिडिल क्लास स्टूडेंट के लिए दिल्ली में गुजर-बसर करना आसान नहीं है क्योंकि प्रॉपर्टी डीलर से लेकर मकान मालिक और कोचिंग सेंटर तक, हर कोई स्टूडेंट की लाइफ या शिक्षा की गुणवत्ता की परवाह किए बिना उसे लूटने के लिए तैयार है.

अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि गुणवत्ता के लिए कम से कम निम्नलिखित प्रमाणित हों (विशेष रूप से बारिश के दौरान)-1- पीजी/किराए के आवास की रहने की स्थिति2- पीजी/टिफिन सेवा में परोसे जाने वाले भोजन की गुणवत्ता3- कोचिंग संस्थानों का बुनियादी ढांचाअगर स्टूडेंट्स को लगता है कि गुणवत्ता मानक के अनुरूप नहीं है तो उन्हें इन मुद्दों को सोशल मीडिया के जरिए तस्वीरें खींचकर और पोस्ट करके उठाना चाहिए. हम उन्हें जो पैसा दे रहे हैं, उसके लिए उन्हें जवाबदेह बनाना जरूरी है.

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