अटल स्मृति वर्ष कार्यक्रम के क्रियान्वन हेतु, प्रदेश संयोजक बने जगन्नाथ पाणिग्राही

बरमकेला/ भारत रत्न, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के यशस्वी नेतृत्व, राष्ट्रसेवा और विचारधारा को नई पीढ़ी तक पहुँचाने के संकल्प के साथ अटल स्मृति वर्ष के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु प्रदेश स्तर पर एक सशक्त एवं सक्रिय टोली का गठन किया गया है। संगठन द्वारा लिए गए इस महत्वपूर्ण निर्णय में प्रदेश उपाध्यक्ष श्री जगन्नाथ पाणिग्रही को सर्वसम्मति से प्रदेश संयोजक की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
अटल स्मृति वर्ष के अंतर्गत प्रदेशभर में वैचारिक संगोष्ठियाँ, जनसंवाद कार्यक्रम, युवा सम्मेलन, प्रदर्शनी, संगोष्ठी, काव्य-पाठ, विचार गोष्ठी एवं सेवा गतिविधियों का व्यापक आयोजन किया जाएगा। इन कार्यक्रमों के माध्यम से अटल जी के ओजस्वी विचार, लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता, सुशासन की अवधारणा और राष्ट्र प्रथम की भावना को जन-जन तक पहुँचाया जाएगा।
प्रदेश नेतृत्व का मानना है कि अटल स्मृति वर्ष केवल औपचारिक आयोजन नहीं, बल्कि एक वैचारिक अभियान है, जो समाज को प्रेरणा देने के साथ-साथ राष्ट्र निर्माण में सहभागी बनने का अवसर प्रदान करेगा। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए अनुभवी, कर्मठ और संगठननिष्ठ कार्यकर्ता जगन्नाथ पाणिग्रही को प्रदेश संयोजक की जिम्मेदारी दी गई है, जिनके नेतृत्व में यह अभियान नई ऊर्जा और दिशा प्राप्त करेगा।
संयोजक नियुक्त होने पर श्री जगन्नाथ पाणिग्रही ने संगठन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि “अटल जी केवल एक व्यक्तित्व नहीं, बल्कि एक विचारधारा हैं। उनका जीवन संघर्ष, समर्पण और राष्ट्रभक्ति का प्रतीक रहा है। अटल स्मृति वर्ष के माध्यम से हम उनके विचारों को घर-घर तक पहुँचाने का कार्य करेंगे और युवाओं को राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करेंगे।”
उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश टोली समन्वय, अनुशासन और टीम भावना के साथ कार्य करते हुए प्रत्येक जिले, मंडल और बूथ स्तर तक कार्यक्रमों को पहुँचाएगी। अटल जी के आदर्शों को आत्मसात कर समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास, सुशासन और सेवा की भावना को मजबूत किया जाएगा।
प्रदेश टोली के गठन के साथ ही कार्यकर्ताओं में नया उत्साह और जोश देखने को मिल रहा है। संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने विश्वास जताया है कि श्री जगन्नाथ पाणिग्रही के नेतृत्व में अटल स्मृति वर्ष एक ऐतिहासिक और प्रेरणादायी अभियान के रूप में स्थापित होगा, जो आने वाली पीढ़ियों को राष्ट्र निर्माण की दिशा में प्रेरित करता रहेगा।





