छत्तीसगढ़
CG में गाइडलाइन रेट में संशोधन : बढ़ोतरी वाला प्रावधान हुआ वापस


CG Land Guidelines Update: छत्तीसगढ़ में जमीन की नई गाइडलाइन दरों को लेकर पिछले कई दिनों से लगातार आपत्तियाँ सामने आ रही थीं। इसी विरोध के बीच मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रविवार को साफ कहा था कि यदि जरूरत पड़ी तो सरकार दरों पर पुनर्विचार करेगी।
इसके तुरंत बाद सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड (Central Evaluation Board Meeting) की बैठक में कई महत्वपूर्ण बदलावों पर मुहर लगा दी है। इसमें हाल ही में लागू किए गए कई प्रावधानों को वापस ले लिया गया है, जिससे प्रदेशवासियों और रियल एस्टेट सेक्टर दोनों को राहत मिली है।

बैठक में सबसे अहम निर्णय नगरीय क्षेत्रों में मूल्यांकन की गणना को लेकर लिया गया। पहले जारी आदेश के अनुसार 1400 वर्ग मीटर तक के भूखंडों का मूल्यांकन इंक्रीमेंटल आधार पर किया जा रहा था। लेकिन इसे तुरंत प्रभाव से समाप्त करते हुए पूर्व की स्लैब दर व्यवस्था को बहाल कर दिया गया है।
अब फिर से नगर निगम क्षेत्र में 50 डेसिमल तक, नगर पालिका में 37.5 डेसिमल तक और नगर पंचायत में 25 डेसिमल तक पुरानी स्लैब दरें लागू रहेंगी। यह फैसला आम खरीदारों और रियल एस्टेट कारोबारियों (real estate valuation relief) को राहत देने वाला है।
बहुमंजिला भवनों में अब से सुपर बिल्ट अप एरिया के आधार पर बाजार मूल्य तय नहीं किया जाएगा। यह विवादित प्रावधान काफी समय से आपत्तियों में था और अब सरकार ने इसे समाप्त कर दिया है। इसकी जगह पर बिल्ट-अप एरिया के आधार पर ही मूल्यांकन किया जाएगा।
यह व्यवस्था मध्य प्रदेश के समय से चली आ रही थी, और डेवलपर्स लंबे समय से इस बदलाव की मांग कर रहे थे। इससे वर्टिकल डेवलपमेंट (Vertical Real Estate Development) को बढ़ावा मिलेगा और खरीदारों को स्पष्ट मूल्यांकन मिलेगा।
बहुमंजिला भवनों और कमर्शियल कॉम्प्लेक्स में तल के आधार पर मूल्यांकन में भी कटौती की गई है। अब बेसमेंट और प्रथम तल पर संपत्ति का मूल्यांकन 10% कम, द्वितीय तल और उससे ऊपर के तल पर 20% कम दर से किया जाएगा। इससे मध्यवर्गीय खरीदारों (affordable housing) को किफायती फ्लैट और दुकानें उपलब्ध होने की उम्मीद है ।
कमर्शियल कॉम्प्लेक्स में मुख्य मार्ग से 20 मीटर की दूरी के बाद स्थित संपत्तियों के लिए भूखंड दरों में 25% की कमी की गई है। दूरी की गणना कॉम्प्लेक्स के मुख्य मार्ग की ओर बने हिस्से से की जाएगी। यह बदलाव (commercial property valuation) निवेशकों और व्यापारियों के लिए भी राहत का कारण बनेगा।
बैठक में यह भी तय हुआ कि जिला मूल्यांकन समिति द्वारा भेजे जाने वाले सभी पुनरीक्षण प्रस्तावों का विस्तृत विश्लेषण कर ही अंतिम गाइडलाइन जारी की जाएगी। समिति को निर्देश दिया गया है कि हाल ही में हुई बढ़ोतरी पर आए सभी ज्ञापनों, आपत्तियों और सुझावों का परीक्षण कर 31 दिसंबर तक संशोधित प्रस्ताव भेजे जाएँ। ये सभी निर्देश तुरंत प्रभाव से लागू होंगे।
गाइडलाइन दरों पर सरकार के यू-टर्न के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय (CM Vishnu deo Sai) ने कहा कि विभागीय मंथन अभी जारी है। यदि लोगों की समस्याएँ जारी रहती हैं, तो सरकार आगे भी पुनर्विचार और आवश्यक बदलाव करने के लिए तैयार है। सरकार का कहना है कि जनता और कारोबारियों की सुविधा सर्वोच्च प्राथमिकता है।
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