स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के पोते पटवारी अमरजीत भगत का निलंबन निराधार, आयुक्त सरगुजा ने 7 दिनों में कार्रवाई के दिए निर्देश

अंबिकापुर/बलरामपुर। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी महली भगत के परिवार से जुड़े विवादित निलंबन मामले में बड़ा मोड़ आया है। सरगुजा संभाग के आयुक्त नरेंद्र कुमार दुग्गा ने कलेक्टर बलरामपुर और एसडीएम कुसमी को पटवारी अमरजीत भगत का निलंबन निरस्त करने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं। आयुक्त ने कहा है कि निलंबन निराधार और मिथ्या शिकायत पर आधारित है, इसलिए इसे रद्द कर 7 दिवस के भीतर नियमानुसार कार्रवाई की जाए।
पृष्ठभूमि : जाति प्रमाण पत्र विवाद से शुरू हुआ मामला
मामला तब शुरू हुआ था जब स्वतंत्रता संग्राम सेनानी महली भगत के पुत्र सोमनाथ भगत का उरांव जाति प्रमाण पत्र जिला स्तरीय समिति ने निरस्त कर दिया था। इसके बाद:
- राजस्व विभाग कुसमी में जमीन संबंधी प्रकरण चलाया गया
- 170-ख की कार्रवाई कर सोमनाथ भगत के घर को जेसीबी से ढहा दिया गया
- निरस्त जाति प्रमाण पत्र को आधार बनाकर उनके बेटे अमरजीत भगत, जो तहसील राजपुर में पटवारी हैं, को भी निलंबित कर दिया गया
इस कार्रवाई को परिवार ने पूरी तरह अनुचित बताया था।
उच्च स्तरीय समिति ने मान्य की ‘उरांव’ जाति
लंबे संघर्ष के बाद मामला उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति, नया रायपुर पहुंचा।
यहाँ के सक्षम अधिकारी ने सोमनाथ भगत को विधि अनुसार ‘उरांव’ जाति का प्रमाणित सदस्य माना।
इसके आधार पर अमरजीत भगत ने अपना पक्ष आयुक्त सरगुजा के समक्ष प्रस्तुत किया था।
आयुक्त का आदेश: निलंबन आदेश 18 अगस्त 2025 को हो गया अमान्य
आयुक्त ने 5 दिसंबर 2025 को जारी अपने पत्र में:
- निलंबन आदेश को पूरी तरह निराधार बताया
- उच्च स्तरीय समिति के 27 नवंबर 2025 के निर्णय को आधार माना
- कलेक्टर बलरामपुर और एसडीएम कुसमी को निलंबन निरस्त कर सेवा में बहाल करने का निर्देश दिया
- 7 दिनों के भीतर नियमानुसार कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा
आयुक्त ने आवेदन पत्र की प्रति और समिति का आदेश संलग्न करते हुए तत्काल कार्यवाही की आवश्यकता बताई है।
परिजनों में राहत, प्रशासन पर उठे सवाल
निर्णय के बाद भगत परिवार और ग्रामीणों में राहत है। लोगों का कहना है कि—
“जांच के नाम पर प्रशासनिक स्तर पर जो कार्रवाई हुई, वह पूरी तरह गलत साबित हो गई।”
अब सबकी नजर कलेक्टर एवं एसडीएम की आगे की कार्रवाई पर है, जिसके 7 दिनों में पूरा होने की उम्मीद है।





