छत्तीसगढ़

एलॉयंस द्वारा केंद्रीय सुरक्षा बलों के स्थापना दिवस समारोहों की तिथि बदलने पर जताया गया ऐतराज

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नई दिल्ली । देश की पहली रक्षा पंक्ति बीएसएफ, हिमालय में बर्फीली सरहदों की चौकसी करने वाले हिमवीरों (आईटीबीपी) व संसार के सबसे बड़े शांतिरक्षक बल सीआरपीएफ के स्थापना दिवस यानी जन्मदिन पर होने वाले भव्य आयोजन परेड समारोह की तिथियों के बदलाव पर विभिन्न एक्स पैरामिलिट्री वेलफेयर संगठनों द्वारा कड़ा ऐतराज जताया गया है।

एलॉयंस ऑफ ऑल एक्स पैरामिलिट्री फोर्सेस वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव रणबीर सिंह द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के हवाले से कहा गया कि बॉर्डर गार्डिंग फोर्स बीएसएफ की स्थापना 1 दिसंबर 1965 को हुई थी। हर साल 1 दिसंबर को आयोजित होने वाले स्थापना दिवस परेड समारोह की तिथि में इस बार बदलाव कर 21 नवंबर कर दिया गया। अब यह परेड समारोह भुज गुजरात में आयोजित होने जा रहा है जिसकी सलामी माननीय गृह मंत्री जी लेंगे।

इसी तरह से आईटीबीपी जिसकी स्थापना 24 अक्टूबर 1962 को हुई थी। हर साल केंद्रीय स्तर पर 24 अक्टूबर को आयोजित होने वाले स्थापना दिवस परेड की तिथि में बदलाव किया गया अब विश्वस्त सूत्रों से पता चला कि यह परेड समारोह 22 नवंबर 2025 को ऊधमपुर में आयोजित होने जा रहा है ऐसी सुचनाएं मिलीं हैं। इससे पहले भी 62वे, 63वे आईटीबीपी स्थापना दिवस परेड समारोह के केंद्रीय स्तर पर होने वाले आयोजनों की तिथियों में बदलाव किया गया था।

महान फोर्स सीआरपीएफ 27 जुलाई 1939 में नीमच में खड़ी की गई थी। जहां तक विश्व के सबसे बड़े शांतिरक्षक बल सीआरपीएफ के स्थापना दिवस परेड समारोहों के आयोजन करने का संबंध है इसकी तिथियों में कई मर्तबा तब्दीली की गई कभी 27 जुलाई तो कभी 31 अक्टूबर सरदार पटेल के जन्मदिन पर। 31 अक्टूबर के ही दिन जब मरहूम केंद्रीय गृह मंत्री जी बूटा सिंह सीआरपीएफ सेंटर झाडोदा कलॉ में सलामी ले रहें थे तो उसी दिन तत्कालीन माननीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी की हत्या कर दी गई बाद में उस तिथि को बदलकर 19 मार्च किया गया वज़ह यह कि इस दिन सरदार पटेल ने सीआरपीएफ को कलर (झंडा) प्रदान किया था।

महासचिव आगे कहते हैं कि 19 मार्च 2024 को जगदलपुर छत्तीसगढ़ में सीआरपीफ का 85वां स्थापना दिवस परेड समारोह आयोजित हुआ लेकिन अगले साल 2025 में आयोजित होने वाली स्थापना दिवस परेड को 19 मार्च के बजाय 17 अप्रैल कर दिया गया। उपरोक्त दोनों जगहों पर माननीय गृह मंत्री जी मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित हो सलामी सम्मान लिए थे।

पूर्व आईजी आईटीबीपी श्री एसके शर्मा द्वारा इस प्रकार के सेरेमोनियल कार्यक्रमों की तिथियों में बदलाव पर चिंता जताई है। बिहार चुनावों के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने व निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तकरीबन 500 कम्पनियों की तैनाती की गई जिससे बार्डर आउट पोस्ट पर तैनात जवानों को अतिरिक्त ड्यूटी करनी पड़ रही है। अब जो नवंबर में केंद्रीय स्तर पर आयोजित होने वाले आईटीबीपी स्थापना दिवस परेड समारोह में भी सैकड़ों जवान बांट जोह रहे हैं कि कब वीआईपी अपनी सुविधानुसार समय व तिथि निर्धारित कर सलामी सम्मान लेने आएं।

पूर्व एडीजी सीआरपीएफ श्री एचआर सिंह ने कहा कि कई मौकों पर वीआईपी द्वारा चुनावों, महत्वपूर्ण कार्यक्रमों व स्वदेशी विदेशी दौरे की व्यस्तताओं के कारण या फोर्सेस महानिदेशकों द्वारा अपने निजी बेनिफिट के लिए उपरोक्त स्थापना दिवस सेरेमोनियल फंक्शनों में पिछले कई सालों से तयशुदा तिथियों में बदलाव किए जाते रहे हैं जिससे न केवल जवानों की दिनचर्या में फर्क पड़ता है बल्कि पूरे बल के कार्मिकों के मनोबल को भी चोट पहूंचती है साथ ही इस अनिश्चितता से जवानों के सालाना या आकस्मिक अवकाश योजना गड़बड़ाने से उनके परिवारों पर भी विपरीत प्रभाव पड़ना लाजिमी है। अतः अर्धसैनिक बलों के ऐसे गरिमामई स्थापना दिवस परेड समारोहों का आयोजन वास्तविक तिथियों पर ही होना चाहिए।

पूर्व केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल अध्यक्ष पूर्व आईजी बीएसएफ श्री एस एस कोटियाल जी ने विरोध जताते हुए कहा कि इस प्रकार से तिथियों के बदलाव से फोर्स जवानों के मौराल पर प्रतिकूल असर पड़ता है उन्होंने इस प्रकार के बदलाव पर माननीय गृह मंत्री जी को पत्र लिखकर नाराजगी व्यक्त की है। रणबीर सिंह द्वारा सेना का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां पर होने वाले स्थापना दिवस परेड समारोहों की सलामी कर्नल,ब्रिगेडियर, मेजर जनरल या जनरल मुख्य अतिथि के तौरपर सलामी लेते हैं तो फिर वीआईपी या सम्माननीय मुख्य अतिथि की अनुपलब्धता के चलते क्यों न फोर्सेस एडीजी डीजी स्वयं सलामी सम्मान लें।

बार बार तिथियों व समारोहों स्थलों के बदलने से हर साल करोड़ों रुपए इस प्रकार के आयोजनों में खर्च किए जाते हैं बेहतर होगा कि स्थापना दिवस परेड समारोह का आयोजन पहले की तरह राजधानी दिल्ली में ही किया जाए ताकि मुख्य अतिथि को परेड समारोह स्थल तक भाग लेने में कोई दिक्कत ना हो।

रणबीर सिंह
महासचिव

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