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विरमित्रपुर विधानसभा चुनाव याचिका खारिज, पूर्व विधायक शंकर ओराम ने नहीं दिखाई सुनवाई में दिलचस्पी

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भुवनेश्वर, 9 नवंबर। ओडिशा उच्च न्यायालय ने Virmitrapur Chunav Yachika को खारिज कर दिया है। यह याचिका पूर्व विधायक शंकर ओराम द्वारा दायर की गई थी, लेकिन उन्होंने मामले की सुनवाई को आगे बढ़ाने में कोई रुचि नहीं दिखाई। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ता के निर्देशों के अभाव में यह याचिका खारिज की जाती है।

व्हाट्सएप और स्पीड पोस्ट से भी नहीं दिया जवाब
मामले की सुनवाई के दौरान शंकर ओराम से उनके वकील ने बार-बार संपर्क साधने की कोशिश की। वकील ने स्पीड पोस्ट और व्हाट्सएप संदेशों के माध्यम से कई बार सूचना भेजी, परंतु कोई जवाब नहीं मिला। 1 सितंबर 2025 को वकील ने अपने लेटर पैड पर डाक के माध्यम से पत्र भेजकर सहयोग की अपील की और सूचित किया कि सहयोग न मिलने पर वह Virmitrapur Chunav Yachika को आगे नहीं बढ़ा पाएंगे।

कोर्ट के आदेश की जानकारी देने के बाद भी नहीं मिली प्रतिक्रिया
17 सितंबर और 13 अक्टूबर 2025 को वकील ने अदालत के पूर्व आदेशों की जानकारी देते हुए फिर से शंकर ओराम से संपर्क किया। 18 सितंबर का आदेश भी व्हाट्सएप के माध्यम से भेजा गया, परंतु चुनाव याचिकाकर्ता की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।

वकील ने दायर किया “नो इंस्ट्रक्शन” मेमो
लगातार असहयोग के चलते याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत में “नो इंस्ट्रक्शन” मेमो फाइल किया। वकील ने यह भी बताया कि उन्होंने अपने सहयोगी को भी मामले की जानकारी देने के लिए कहा था, लेकिन अब तक कोई जवाब प्राप्त नहीं हुआ है।

निर्देश की कमी के कारण याचिका खारिज
न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा कि “मेमो में बताए गए चुनाव याचिकाकर्ता के इस आचरण से प्रतीत होता है कि वह अब इस Virmitrapur Chunav Yachika को आगे बढ़ाने में दिलचस्पी नहीं रखता, अतः निर्देश की कमी के कारण याचिका खारिज की जाती है।”


 

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