ग्राम पंचायत में होगी अब टैक्स वसूली: साय सरकार का बड़ा फैसला

प्रतीक मल्लिक
धर्मजयगढ़ – 01 नवम्बर 1956 म. प्र. राज्य गठन व उससे अलग होकर 1 नवंबर 2000 छत्तीसगढ़ राज्य बनने पर 2024 तक ग्राम पंचायतों का विकास व पंचायतों की भूलमूत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए राज्य सरकार व केंद्र सरकार विभिन्न योजनाओं को क्रियान्वयन करने फंड जारी करता आ रहा है । साय सरकार द्वारा अब ग्राम पंचायतों का विकास व आमलोगों की भूलमूत आवश्यकताओं को पूरा करने सभी जनपद पंचायतों को आदेश जारी कर निवासरत लोगों की परिसंपत्तियों के अनुरूप स्वघोषणा पत्र देकर परिसंपत्ति का 0.21 से 0.3 तक टैक्स वसूली करने का फरमान जारी किया है ।
राज्य गठन के पश्चात ग्राम पंचायत में सरपंच सचिव के द्वारा नामिनल टैक्स वसूली किया था । मगर साय सरकार के 2 वर्ष होने से पहले राज्य सरकार का खजाना धान खरीदी वह महतारी वंदना योजना में मुफ्त की बोनस राशि वितरित करने सरकार का खजाना खाली होता नजर आ रहा है । जिस कारण पंचायतों में भारी भरकम टैक्स वसूली करने जनपदों को आदेशित किया होगा ।
नगरीय निकाय पब्लिक सेक्टर है जिसमें आधा-आधा जनता व सरकार की फंड से आम नागरिकों की मौलिक सुविधाएं प्राप्त होती है मगर ग्राम पंचायत ऐसा नहीं है फिर भी परिसंपत्ति का टैक्स वसूली किया जाना न्यायोचित नजर नहीं आता, जैसे पंचायत में एक व्यक्ति स्व – घोषणा पत्र भरकर 10 लाख रुपए अपने परिसंपत्ति का मूल्यांकन भरता है तो उनको 0.2% कि दर से प्रतिवर्ष 2000 रुपये टैक्स आदायगी भरनी पड़ेगी ।
क्योंकि गांव के लोग मूलतः खेती किसानी कर अपना जीवन – यापन करते हैं उन पर यह प्रतिवर्ष अतिरिक्त आर्थिक बोझ डाल दिया गया है । धरमजयगढ़ जनपद के बहुत से ग्राम पंचायत कोल माइंस के अधिक ग्रहण क्षेत्रांगत प्रस्तावित है । यहां के आम लोग गलत फहमी /अधिक मुआवजा पाने की लालच में अपनी परिसंपत्ति का गलत आकलन कर स्व घोषणा पत्र भर रहा है जनपद पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी की बातें माने तो यह टेक्स 2011 से वसूली किया जाना है ।
राज्य सरकार पंचायत के विकास के लिए योजनानुरूप राशि तो जनपद पंचायत को आवंटित करेगी तथा परी संपत्ति से प्राप्त आय से ग्राम पंचायतों को और अधिक सुविधाएं प्राप्त होगी तथा ग्राम सरकार के तहत् उपरोक्त राशि का बंदरट बाट ना हो इसलिए पंचायतों के खातों में जनता ऑनलाइन, ऑफलाइन जमा करेगी । जैसा भी हो साय सरकार का यह पहल प्रशंसनीय है ।





