छत्तीसगढ़

भोजपुरी समाज व विभिन्न छठ पूजा समितियों का सोमवार को SP कार्यालय घेराव

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छठ महापर्व का अपमान करने वाले टूटी मानसिकता के प्रतीक बने टिल्लू शर्मा पर कार्रवाई की मांग तेज

भोजपुरी समाज व विभिन्न छठ पूजा समितियों का सोमवार को SP कार्यालय घेराव — संयमित किंतु सख़्त स्वर में न्याय की पुकार

रायगढ़। सनातन संस्कृति के पावन पर्व छठ महापर्व का अपमान किए जाने के मामले में समाज का आक्रोश निरंतर बढ़ता जा रहा है। फेसबुक पर टिल्लू शर्मा द्वारा की गई अभद्र एवं अपमानजनक टिप्पणी से न सिर्फ छठ व्रतियों की भावना आहत हुई, बल्कि पूरे भोजपुरी व सनातन समाज में तीव्र असंतोष व्याप्त हो गया है। बीते तीन दिनों से समाज इस मामले में सतत, संयमित परंतु दृढ़ विरोध दर्ज करा रहा है और अब न्यायिक कार्रवाई के लिए निर्णायक चरण में प्रवेश कर चुका है।
महादेव घाट छठ पूजा समिति, खर्रा घाट और संतोषी मंदिर छठ पूजा समिति, टिकरापारा छातामुड़ा द्वारा पहले ही SP कार्यालय में लिखित शिकायत प्रस्तुत की जा चुकी है। बावजूद इसके अब तक ठोस कार्रवाई न होने से समाज में नाराज़गी है।

छठ व्रतियों और विभिन्न सामाजिक संगठनों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि
“हम हिंसा, उग्रता या अनुशासनहीनता नहीं करते — पर हमारी आस्था, मर्यादा और देवी छठ महापर्व का अपमान किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जाएगा। न्याय चाहिए, और वैधानिक रूप से ही चाहिए।”
इसी क्रम में  दिनांक 03/11/2025, प्रातः 10:30 बजे, समाज के प्रतिनिधि शांतिपूर्ण एवं गरिमापूर्ण तरीके से SP कार्यालय पहुंचकर कार्रवाई की मांग करेंगे।

समाज ने मीडिया साथियों से भी अनुरोध किया है कि घटना की गंभीरता और समाज के संकल्प को देखते हुए वे भी उपस्थित रहें और तथ्यात्मक रूप से विषय को सामने रखें, ताकि व्यवस्था तक सही आवाज़ और भावनाएँ पहुँचें।

किरोड़ीमल नगर भोजपुरी समाज भी हुआ शामिल

सूत्रों के अनुसार, किरोड़ीमल नगर भोजपुरी समाज की टीम भी इस विरोध में सम्मिलित होगी। समाज अध्यक्ष गोपाल सिंह ठाकुर के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल दिनांक 0 3/ 11/ 2025 दिन सोमवार को  SP कार्यालय पहुंचेगा।

टीम ने साफ कहा है —
“छठ मइया हम सबकी आस्था हैं। इसके सम्मान के लिए हम संगठित रूप से उपस्थित रहेंगे। हम कानून पर विश्वास करते हैं, और कानून से ही सम्मान की रक्षा चाहते हैं।”
समाज का संदेश — यह आस्था की लड़ाई है, अहंकार की नहीं
समाज के निवेदन में स्पष्ट कहा गया है कि
“छठ महापर्व कोई साधारण धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि सूर्य उपासना, पवित्रता, तपस्या, व्रत, परिवार और समाज के कल्याण का अद्वितीय पर्व है। इसका अपमान पूरे सनातन समाज का अपमान है। हम शांतिपूर्ण हैं, पर कमजोर नहीं।

हमारी सहनशीलता को चुप्पी न समझा जाए।”
समाज ने प्रशासन से यह भी मांग की है कि
धार्मिक भावनाएं आहत करने वालों पर दण्डात्मक कार्रवाई हो
सोशल मीडिया पर ऐसा कृत्य करने वालों के विरुद्ध सख्त मिसाल स्थापित हो भविष्य में ऐसे मामलों हेतु त्वरित कार्रवाई प्रोटोकॉल बने
आवाज़: न्याय मिले, संविधान के भीतर रहकर मिले
ध्यान देने योग्य है कि प्रारंभिक शिकायत के बाद भी कार्रवाई की गति धीमी रही, जिसके कारण समाजिक स्तर पर यह चर्चा बनी कि ऐसे मामलों में प्रशासन को निष्पक्ष और शीघ्र कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए। समाज के सभी प्रबुद्ध जनों की  उपस्थिति इसी लोकतांत्रिक विश्वास का प्रतीक है — व्यवस्था से न्याय की मांग, और अनुशासन के साथ एकजुटता की।

समाज की ओर से विनम्र सत्याग्रह एवं निवेदन

सभी श्रद्धालुओं, भोजपुरी समाज एवं सांस्कृतिक संगठनों से विनम्र अनुरोध
समय: सुबह 10:30 बजे
स्थान: SP कार्यालय, रायगढ़
आइए, सभ्यतापूर्ण, अनुशासित और गरिमामय तरीके से उपस्थित होकर न्याय की मांग करें। धर्म की रक्षा — मर्यादा के साथ।
“आस्था से समझौता नहीं — पर मार्ग संविधान वाला।”

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