सेवानिवृत रेलकर्मी से 49500 की डिजिटल ठगी,

डीआरएम चक्रधरपुर पसर्नल विभाग के एपीओ के नाम से तीन घंटे तक बातचीत कर किया सम्मोहित और ले ली ओटीपी सहित सारी जानकारी
रेलवे इंजिनियरिंग विभाग से चीफ ओएस के पद से 31 जुलाई को सेवानिवृत हुए हैं पीड़ित अनिमेष भट्टाचार्य
चक्रधरपुर । भारतीय रेलवे डीआरएम चक्रधरपुर पर्सनल विभाग के एपीओ के नाम पर एक सेवानिवृत रेल कर्मचारी से जालसाली कर उनके बैंक खाते से 49 हजार 500 रुपया उड़ा लेने की घटना चक्रधरपुर शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है। सेवानिवृति विदाई समारोह में डीआरएम, सिनियर डीपीओ सहित अधिकारियों के बारंबार डिजिटल स्कैम के घटनाओं से बचने की सलाह देने के बाबजूद इंनियरिंग विभाग के सेवानिवृत चीफ ओएस अनिमेष भट्टाचार्य से डिजिटल स्कैम कर उनके खाते से 49500 उड़ा लिया गया है।

घटना रविवार लगभग साढ़े 3 बजे की है। फोन नंबर 8981218002 से अनिमेष भट्टाचार्य के मोबाईल में भारतीय रेलवे पर्सनल विभाग के एपीओ ए के श्रीवास्तव के नाम से काल आया। आरोपी ने पहले भट्टाचार्य से उनके 31 जुलाई को सेवानिवृत होने के बारे पुछा और कहा कि आपका पेंसन शुरु होल गया है न। अनिमेष के द्वारा उनका पेंसन शुरु हो जाने की बात स्वीकर किया गया।

इसके बाद आरोपी के द्वारा अनिमेष से उनके पेंसन से सबंधित सारी जानकारी उन्हें बताकर तीन घंटे तक सम्मोहित किया और उसे पूर्ण रुप से विश्वास में ले लिया। आरोपी के कहने के मुताबिक अनिमेष के द्वारा उनके साथ मोबाईल का स्क्रीनिंग शाट से लेकर ओटीपी तक शेयर करते गए। लगभग तीन घंटे तक बातचीत करने के बाद अचानक उनके बैंक खाते से 49500 रुपया निकासी कर लिए जाने का मैसेज आया।
अनिमेष के द्वारा इसकी जानकारी पर्सनल विभाग के कल्याण निरीक्षक पंकज कुमार से संपर्क करने पर मालूम हुआ कि चक्रधरपुर पर्सनल विभाग में श्रीवास्तव नाम का कोई भी एपीओ नहीं हैं। इसके बाद अनिमेष ने स्टेट बैंक अधिकारी से संपर्क कर उनके साथ डिजिटल ठगी होने की जानकारी दिए जाने के बाद उनका बैंक खाता होल्ड रखा गया है एवं इसकी जांच शुरु कर दी गई है। पीड़ित ने इस सबंध में साईबर अपराध शाखा में शिकायत किया है।
पत्नी के आगाह करने के बाबजूद आरोपी के जाल में फंसे अनिमेष
वर्तमान चक्रधरपुर इतवारी बाजार के साई विल्ला अपार्टमेंट के कमरा नंबर में रहने-3 में रहने वाले सेवानिवृत रेलकर्मी अनिमेष की पत्नी प्रकृति भट्टाचार्य के रविवार का दिन और इतनी लंबे अंतराल तक बातचीत करने से आशंकित होकर सारी जानकारी शेयर न करने की बात कहने के बाबजूद अनिमेष ने आरोपी से ओटीपी शेयर कर दी जिससे उसको ठगी का शिकार होना पड़ा। अनिमेष का एक बेटा है जो बैंगलौर में एक निजी कंपनी में जॉब करता है।





