छत्तीसगढ़

12 वर्षों से रुकी प्राचार्य पदोन्नति: वरिष्ठ व्याख्याता एवं प्रधान पाठकों में गहरी निराशा — मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से न्याय की गुहार

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बिलासपुर/रायपुर: प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग में “टी संवर्ग” और “ई संवर्ग” के प्राचार्य पदोन्नति का मामला पिछले 12 वर्षों से लंबित है, जिससे प्रदेश के वरिष्ठ व्याख्याता एवं वरिष्ठ प्रधान पाठकों के बीच भारी निराशा छाई हुई है। इस स्थिति को देखते हुए “छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा”, “छत्तीसगढ़ राज्य सर्वशासकीय सेवक अधिकारी- कर्मचारी पदोन्नति संघर्ष मोर्चा” एवं सहयोगी संगठन “छत्तीसगढ़ प्रगतिशील एवं नवाचारी शिक्षक महासंघ (CGPITF)” ने शासन से शीघ्र, निष्पक्ष और पारदर्शी काउंसलिंग के माध्यम से पदोन्नति प्रक्रिया पूरी करने और पदस्थापना आदेश जारी करने की पुरजोर मांग की है। यदि आगामी 10 दिनों के भीतर काउंसलिंग की तिथि घोषित कर पदोन्नति प्रक्रिया शुरू नहीं की गई, तो “छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा” माननीय मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय से न्याय की गुहार लगाने प्रदेश भर के वरिष्ठ व्याख्याता एवं प्रधान पाठकों की पीड़ा उनके समक्ष प्रस्तुत करेगा।


लंबे समय से रुकी प्राचार्य पदोन्नति से शिक्षकों में बढ़ती नाराजगी

प्रदेश में पिछले 12 वर्षों से प्राचार्य पदोन्नति न होने से वरिष्ठ व्याख्याता और प्रधान पाठकों में भारी निराशा व्याप्त है। ऐसे अनेक शिक्षक हैं, जिन्होंने 35 से 40 वर्षों तक सेवा देने के बावजूद प्राचार्य पदोन्नति का लाभ नहीं पाया है। इससे उनके मनोबल में गिरावट आई है और शिक्षा व्यवस्था पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।


काउंसलिंग के लिए ज्ञापन सौंपा, पारदर्शी प्रक्रिया की मांग

“छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा” एवं “छत्तीसगढ़ प्रगतिशील एवं नवाचारी शिक्षक महासंघ” के प्रदेश संयोजक सतीश प्रकाश सिंह ने मंत्रालय महानदी भवन में स्कूल शिक्षा विभाग के अवर सचिव और लोक शिक्षण संचालनालय के उप संचालक को ज्ञापन सौंपकर कहा है कि शासन तुरंत “टी संवर्ग” की प्राचार्य पदोन्नति के लिए निष्पक्ष और पारदर्शी काउंसलिंग प्रक्रिया प्रारंभ करे। इसके लिए काउंसलिंग का टाइम टेबल जारी कर रिक्त प्राचार्य पदों पर पदस्थापना आदेश जारी किए जाएं।

सतीश प्रकाश सिंह ने बताया कि “टी एवं ई” दोनों संवर्गों में प्राचार्य पदोन्नति की पात्रता रखने वाले ऐसे कई वरिष्ठ व्याख्याता एवं प्रधान पाठक हैं, जिन्हें किसी कारणवश पदोन्नति से वंचित रखा गया है। उनकी पात्रता के अनुसार शासन के नियमों के तहत पदोन्नति की जाए।


विभाग ने काउंसलिंग की अनुमति भेजी, प्रक्रिया जल्द शुरू होगी

मंत्रालय महानदी भवन में प्रदेश संयोजक सतीश प्रकाश सिंह से चर्चा के दौरान स्कूल शिक्षा विभाग के अवर सचिव ने बताया कि शासन स्तर से “टी संवर्ग” की प्राचार्य पदोन्नति के लिए काउंसलिंग करने हेतु लोक शिक्षण संचालनालय को अनुमति की फ़ाइल भेज दी गई है। शीघ्र ही DPI द्वारा “टी संवर्ग” की प्राचार्य पदोन्नति के लिए काउंसलिंग प्रारंभ कर दी जाएगी।

इसी प्रकार, लोक शिक्षण संचालनालय के उप संचालक श्री आशुतोष चावरे ने भी बताया कि DPI में “टी संवर्ग” की प्राचार्य पदोन्नति के लिए काउंसलिंग की कार्यवाही प्रगति पर है और शासन के निर्देशानुसार इसे जल्द पूरा किया जाएगा।


हाईकोर्ट के फैसले से खुला रास्ता, लेकिन “ई संवर्ग” मामला अब भी लंबित

1 जुलाई 2025 को माननीय छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच ने प्राचार्य पदोन्नति पर लगे स्टे को हटा दिया, जिससे स्कूल शिक्षा विभाग में 12 वर्षों से रुकी हुई प्राचार्य पदोन्नति के मार्ग में राहत मिली।

फिर भी, “ई संवर्ग” की प्राचार्य पदोन्नति का मामला अभी भी हाईकोर्ट के सिंगल बेंच में विचाराधीन है, जिसका अंतिम फैसला शीघ्र आने की उम्मीद है। इस मामले में सुनवाई पूरी हो चुकी है और फैसला सुरक्षित रखा गया है।


वरिष्ठ शिक्षकों को सेवाकाल में मिले पदोन्नति का लाभ

प्रदेश संयोजक सतीश प्रकाश सिंह ने शासन से मांग की है कि 35 से 40 वर्ष सेवा के बाद भी प्राचार्य पद पर पदोन्नति से वंचित होकर रिटायर्ड हो रहे वरिष्ठ व्याख्याताओं एवं प्रधान पाठकों की पीड़ा को समझते हुए जल्द से जल्द पदोन्नति की प्रक्रिया पूरी की जाए।

उन्होंने कहा कि 30 अप्रैल 2025 तक प्राचार्य पदोन्नति आदेश की सूची में रिटायर्ड हो चुके लोगों के स्थान पर वरिष्ठता के आधार पर योग्य व्याख्याता एवं प्रधान पाठकों को पदोन्नति सूची में शामिल किया जाना चाहिए। साथ ही, नियमों के अनुसार प्रधान पाठक से व्याख्याता बने नियमित शिक्षकों को भी प्राचार्य पदोन्नति का लाभ मिले।


प्राचार्य पदस्थापना से शिक्षा व्यवस्था में होगा सुधार

प्रदेश संयोजक ने कहा कि प्राचार्य पदोन्नति के बाद प्रदेश के सभी प्राचार्यविहीन विद्यालयों में पूर्णकालिक प्राचार्य की नियुक्ति होगी, जिससे विद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था सुदृढ़ होगी और प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि होगी।

यह पहल न केवल शिक्षकों के मनोबल को बढ़ाएगी, बल्कि छात्रों को बेहतर शैक्षिक वातावरण भी उपलब्ध कराएगी।


अंतिम चेतावनी, मुख्यमंत्री से मुलाकात का एलान

“छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा” ने स्पष्ट किया है कि यदि आगामी 10 दिनों के भीतर “टी संवर्ग” की प्राचार्य पदोन्नति के लिए काउंसलिंग की तिथि घोषित नहीं की गई, तो पूरे प्रदेश के वरिष्ठ शिक्षकों की पीड़ा को लेकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात की जाएगी।

इस बैठक में प्राचार्य पदोन्नति के अलावा शिक्षा जगत के अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा कर त्वरित समाधान की मांग की जाएगी।

 


 

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