गौरेला पेंड्रा मरवाही—सहायक आयुक्त गोपेश मनहर उदासीन, दोषी शंकर वस्त्रकार को दे रहे संरक्षण

जनप्रतिनिधियों का आरोप – लाखों की गड़बड़ी में गोपेश मनहर भी संलिप्त
मरवाही। आदिवासी विकास विभाग गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में स्ट्रीट लाइट मद की लाखों की राशि को लेकर बड़ा घोटाला सामने आया है। वर्ष 2021-22 में ग्राम पंचायत टिकठी को स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए 6 लाख रुपए अग्रिम दिए गए थे। इसमें से केवल 1.50 लाख रुपए का ही समायोजन हुआ, जबकि शेष 4.49 लाख रुपए का आज तक हिसाब नहीं दिया गया।

राशि मटियाडांड पंचायत की, ट्रांसफर कर दी गई दूसरी पंचायत में
आरोप है कि विभाग में पदस्थ बाबू शंकर वस्त्रकार ने मोटी रकम लेकर उक्त राशि को ग्राम पंचायत मटियाडांड को भुगतान करने की बजाय किसी अन्य पंचायत में ट्रांसफर कर दिया। इस वजह से मटियाडांड पंचायत को आज तक नाली निर्माण कार्य का भुगतान नहीं मिला और पंचायत के विकास कार्य ठप हो गए।

नोटिस पर भी नहीं हुई कार्रवाई
24 अक्टूबर 2024 को आदिवासी विकास विभाग ने इस बकाया राशि की वसूली के निर्देश दिए थे। 20 नवंबर 2024 को जनपद पंचायत मरवाही ने टिकठी के सरपंच-सचिव को नोटिस भी थमा दिया था। इसके बावजूद अब तक न तो राशि जमा कराई गई और न ही दोषियों पर कार्रवाई हुई।

जनप्रतिनिधियों का आरोप: गोपेश मनहर भी संलिप्त
ग्राम पंचायत मटियाडांड के जनप्रतिनिधियों ने गंभीर आरोप लगाया है कि सहायक आयुक्त गोपेश मनहर न केवल उदासीन रवैया अपनाए हुए हैं, बल्कि दोषी बाबू शंकर वस्त्रकार को खुलेआम संरक्षण भी दे रहे हैं।
जनप्रतिनिधियों का कहना है कि वे गोपेश मनहर से लगभग 10 बार मिल चुके हैं, लेकिन हर बार टालमटोल कर दिया गया। उनका आरोप है कि “गोपेश मनहर की जानकारी और संलिप्तता के बिना इतनी बड़ी वित्तीय अनियमितता संभव नहीं है।”
लोगों में गुस्सा, कार्रवाई की मांग
इस पूरे घोटाले से ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों में आक्रोश है। उनका कहना है कि लाखों की राशि हड़प ली गई और एक साल से अधिक समय से पंचायत चक्कर काट रही है। बावजूद इसके, विभाग न केवल चुप है बल्कि दोषियों को संरक्षण दे रहा है।
ग्रामीणों ने मामले की उच्चस्तरीय जांच और दोषी कर्मचारियों पर तत्काल कार्रवाई की मांग की है।





