निर्माण होने के 1 साल बाद ही जर्जर हो गया प्री मैट्रिक आदिवासी कन्या छात्रावास धनौली
दीवाल प्लास्टर टूट कर गिरने से छात्रों की जान सांसद में
पूर्व मंडी अध्यक्ष ज्ञानेंद्र उपाध्याय ने सहायक आयुक्त को पत्र लिखकर छात्रावास के मरम्मत की मांग रखी
गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के बैगा आदिवासी बाहुल्य ग्राम धनौली में कक्षा 6 से लेकर कक्षा 10 तक की छात्राओं के रहने के लिए बनाए गए प्री मैट्रिक आदिवासी कन्या छात्रावास धनौली का भवन एक साल में ही जर्जर हो गया है जिससे छात्रावास में रहने वाली छात्राओं की जान सांसत में है। नवनिर्मित छात्रावास की जर्जर स्थिति को देखते हुए ग्रामीण नेता एवं पूर्व मंडी अध्यक्ष ज्ञानेंद्र उपाध्याय ने आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त ललित शुक्ला को वस्तु स्थिति से अवगत कराते हुए पत्र लिखा है तथा तत्काल जर्जर छात्रावास भवन की मरम्मत ठेकेदार द्वारा करने की मांग की है।
गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले का आदिवासी विकास विभाग अपनी भ्रष्ट गतिविधि के कारण चर्चा का केंद्र बना हुआ है तथा ऐसा लगता है कि आदिवासियों के कल्याण के लिए बनाए गए आदिवासी विकास विभाग को जिले में कुछ लोग संगठित होकर चूना लगाने में लगे हुए हैं। जिले में छात्रावास की मरम्मत छात्रावास के नवनिर्माण में भ्रष्टाचार को लेकर लगातार शिकायत होती रही है परंतु जिम्मेदार अधिकारी कान में तेल डालकर सोए हुए हैं। छात्रावास के नवनिर्माण में भ्रष्टाचार का एक मामला ग्रामीण नेता एवं पूर्व मंडी अध्यक्ष ज्ञानेंद्र उपाध्याय ने प्रकाश में लाया है जिसके अनुसार उनके गांव धनौली में 1 साल पूर्व बने प्री मैट्रिक आदिवासी कन्या छात्रावास की हालत जर्जर है जहां छात्रावास बनने के साथ ही दीवाल के प्लास्टर उखड़ रहे हैं तथा नवनिर्माण छात्रावास में हुए भ्रष्टाचार की पोल खुल रही है। जर्जर छात्रावास में कक्षा 6 से कक्षा 10 पढ़ने वाली छात्राएं रहती है जिनकी जान सांसत में है।