जशपुर में म्यूल अकाउंट रैकेट का भंडाफोड़ – दो आरोपी गिरफ्तार, 1 लाख की साइबर ठगी उजागर

जशपुर पुलिस ने साइबर ठगी से जुड़े म्यूल अकाउंट रैकेट का खुलासा करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने अपने बैंक खाते किराए पर देकर अपराधियों को ठगी के लिए उपलब्ध कराए थे। पुलिस ने मामले में तेजी से कार्रवाई करते हुए आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में म्यूल अकाउंट के जरिये साइबर ठगी के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र में दर्ज इस मामले में पुलिस ने खुलासा किया है कि आरोपी अपने बैंक खाते किराए पर देकर ठगों को अवैध लेनदेन का रास्ता उपलब्ध करा रहे थे।
पुलिस के मुताबिक, गिरांग निवासी सुभाष केरकेट्टा और ग्राम कोपा निवासी नीरज रतन टोप्पो ने साइबर अपराधियों को अपना बैंक खाता और एटीएम कार्ड सौंपा था। जांच में सामने आया कि महाराष्ट्र बैंक के खाता क्रमांक 6049174249, जो सुभाष केरकेट्टा के नाम पर है, उसमें एक लाख रुपये का संदिग्ध ट्रांजेक्शन हुआ था। जब पुलिस ने सुभाष को हिरासत में लेकर पूछताछ की, तो उसने खुलासा किया कि उसने अपना एटीएम कार्ड अपने रिश्ते के चाचा नीरज रतन टोप्पो को दे दिया था, जिससे उसे एक तयशुदा रकम मिली थी।
नीरज टोप्पो ने पूछताछ में बताया कि उसने खाता और एटीएम कार्ड एक अज्ञात व्यक्ति को रांची बस से भेजा था। दोनों के बीच सिर्फ मोबाइल पर बातचीत होती थी और वे कभी आमने-सामने नहीं मिले। इस खाते का उपयोग धोखाधड़ी कर प्राप्त एक लाख रुपये की अवैध ट्रांजेक्शन के लिए किया गया।
पुलिस ने दोनों आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 318(2), 318(4) और 61(2) के तहत अपराध दर्ज किया है और उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है।
क्या होता है म्यूल अकाउंट?
म्यूल अकाउंट वह बैंक खाता होता है जिसे खाता धारक पैसे के लालच में साइबर अपराधियों को किराए पर दे देता है। अपराधी इन खातों के जरिये अवैध धन का लेन-देन करते हैं, जिससे ठगी की रकम को ट्रेस करना मुश्किल हो जाता है।
जशपुर पुलिस की सतर्कता
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह ने कहा है कि जिले में म्यूल खातों की गतिविधियों पर लगातार नजर रखी जा रही है। पूर्व में भी दुलदुला, कुनकुरी और पत्थलगांव थाना क्षेत्रों में ऐसे मामलों में कार्रवाई की गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भविष्य में भी ऐसे खाताधारकों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।