छत्तीसगढ़रायगढ़

एनएचएम कर्मियों का चरणबद्ध आंदोलन तेज, “मोदी की गारंटी” पर उठाए सवाल

रायगढ़ । छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत कार्यरत 16,000 से अधिक संविदा कर्मियों ने शासन की उपेक्षा के खिलाफ प्रदेशव्यापी चरणबद्ध आंदोलन की शुरुआत कर दी है। 10 जुलाई से शुरू हुए इस आंदोलन के तहत रायगढ़ में सांसद राधेश्याम राठिया, वित्त मंत्री व विधायक, भाजपा जिलाध्यक्ष अरुण धर दिवान और भाजपा युवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष रवि भगत को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन के माध्यम से कर्मचारियों ने “मोदी की गारंटी” के दावों पर सवाल खड़े किए हैं।

बीस वर्षों से लंबित हैं माँगें
एनएचएम कर्मचारी संघ के बैनर तले चल रहे इस आंदोलन की पृष्ठभूमि में 20 वर्षों से लंबित 10 सूत्रीय माँगें शामिल हैं, जिनमें नियमितीकरण, ग्रेड पे निर्धारण, लंबित वेतन वृद्धि, स्थानांतरण नीति, मेडिकल सुविधाएं, अनुकंपा नियुक्ति और पारदर्शी भर्ती व्यवस्था जैसी अहम मांगें शामिल हैं।

मुख्यमंत्री को कई बार भेजा गया अनुशंसा पत्र
सांसद राधेश्याम राठिया द्वारा मुख्यमंत्री को अनुशंसा पत्र भेजे जाने के बावजूद, दो वर्षों के संवाद और पत्राचार के बाद भी कोई ठोस पहल नहीं की गई, जिससे कर्मचारियों में गहरा आक्रोश है।

शकुंतला एक्का ने जताया आक्रोश
एनएचएम संघ की रायगढ़ जिला अध्यक्ष शकुंतला एक्का ने कहा, “‘मोदी की गारंटी’ का वादा करने वाले अब एनएचएम कर्मियों की आवाज क्यों नहीं सुन रहे? शासन की बेरुखी अब अस्वीकार्य हो चुकी है। यह आंदोलन अब जनआंदोलन का रूप लेने के लिए तैयार है।”

आंदोलन की रूपरेखा

  • 10 जुलाई: विधायकों को ज्ञापन
  • 11 जुलाई: भाजपा जिलाध्यक्षों को मांग पत्र
  • 12-16 जुलाई: कार्यस्थलों पर काली पट्टी बाँधकर विरोध प्रदर्शन
  • 16 जुलाई: रैली व कलेक्टर को विशेष ज्ञापन
  • 17 जुलाई: रायपुर चलो – विधानसभा घेराव

संघ का स्पष्ट संदेश: अब नहीं तो कभी नहीं
संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमित कुमार मिरी, महासचिव कौशलेश तिवारी, डॉ. रविशंकर दीक्षित, पूरन दास, हेमंत सिन्हा सहित अन्य पदाधिकारियों ने संयुक्त रूप से कहा कि, “अब यह केवल चेतावनी नहीं, समाधान की निर्णायक मांग है। जब तक अन्य विभागों के कर्मियों के समकक्ष सुविधाएँ नहीं मिलतीं, आंदोलन जारी रहेगा।”

एनएचएम कर्मचारियों का यह आंदोलन अब केवल सरकारी तंत्र के खिलाफ विरोध नहीं, बल्कि समूचे संविदा व्यवस्था की असमानता और असंवेदनशीलता के विरुद्ध आवाज बन चुका है।

Advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button