छत्तीसगढ़

गुड़ेली-टिमरलगा खदानों में फर्जीवाड़े की शिकायत, जांच की मांग तेज


सारंगढ़-बिलाईगढ़।
जिले के गुड़ेली-टिमरलगा क्षेत्र में अवैध खनन और बिना खनन के फर्जी रॉयल्टी जारी करने के गंभीर मामले को लेकर कलेक्टर जनदर्शन में शिकायत दर्ज कराई गई है। शिकायतकर्ता ने क्षेत्र की दस लीजधारकों पर आरोप लगाते हुए कहा कि चिन्हांकित खसरा नंबरों पर खनन कार्य कभी नहीं हुआ, फिर भी लगातार रॉयल्टी पर्ची जारी हो रही है। इस फर्जीवाड़े में खनिज विभाग की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए गए हैं।

शिकायत में बताया गया कि कुछ लीजधारक मात्र औपचारिकता के तौर पर छोटे गड्ढे खोदकर लीज हासिल कर लेते हैं और फिर उन्हीं लीज के नाम पर बड़े पैमाने पर रॉयल्टी प्राप्त करते हैं। आरोप है कि लीज की आड़ में अन्य क्रेशर संचालकों को भी सहमति देकर अवैध संचालन में सहयोग किया जा रहा है। खनिज विभाग की मिलीभगत के बिना इस तरह का आर्थिक नुकसान संभव नहीं बताया गया है।

सूत्रों के अनुसार, ₹25 प्रति टन की दर से रॉयल्टी जारी की जाती रही है, जबकि मौके पर वास्तविक खनन नहीं हुआ। यह पूरा तंत्र वर्षों से संचालित हो रहा है, जिससे सरकार को भारी राजस्व हानि हो रही है और खनिज माफिया दिन-दूनी रात-चौगुनी तरक्की कर रहे हैं।

शिकायत में जिन 10 खदानों की जांच की मांग की गई है, वे निम्नलिखित हैं:

जगदम्बा स्पंज प्रा. लि. (शिव अग्रवाल)

श्याम मिनरल्स (दीपक सिंघल)

एस.एस. मिनरल्स (श्यामलाल अग्रवाल)

छत्तीसगढ़ ट्रेड लिंक (विवेक अग्रवाल)

जगदम्बा स्टील एंड पॉवरटेक लि. (बालमुकुंद अग्रवाल)

विनायक स्टोन क्रेशर (वर्षा बंसल)

मां नाथल दाई क्रेशर उद्योग (शिव कुमार अग्रवाल)

केजरीवाल क्रेशर उद्योग (सुशीला रतेरिया)

मां भवानी मिनरल्स (विनय कुमार गुप्ता)

सिंघल क्रेशर उद्योग टिमरलगा (गोपाल प्रसाद अग्रवाल)


सभी खसरा नंबरों की भौतिक जांच की मांग की गई है और शिकायतकर्ता ने निरीक्षण के दौरान स्वयं की उपस्थिति की भी इच्छा जताई है। कलेक्टर ने मामले की जांच का आश्वासन दिया है और संभावना है कि प्रशासन जल्द ही इस पर ठोस कार्रवाई करेगा।

क्या अब होगा सच्चाई का खुलासा या मामला फिर से दबा दिया जाएगा? जनता की निगाहें प्रशासन की निष्पक्षता पर टिकी हैं।

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