जीपीएम मे हितग्राही के बिना बैंक जाए खाते से निकाले गए पैसे

यह घटना है ग्राम मेदुका, ब्लॉक मरवाही के रहने वाले श्रीमती सुनीता कोराम, पति स्वर्गीय रामसिंह कोराम, जाति गोंड की सुनीता कोराम का बैंक खाता गौरेला के भारतीय स्टेट बैंक मे खुला हुआ है जिसका पासबुक वह हमेशा अपने आलमारी मे सम्हाल करके रखती थी लेकिन बीते कुछ दिनों की बात है सुनीता कोराम ने बैंक पासबुक की जरुरत पड़ने पर आलमारी मे बैंक पासबुक ढूंढा तो उन्हें पासबुक और सांथ मे ही आलमारी मे रखे 50000 रूपये उन्हें अलमारी से नहीं मिले, उसके पश्चात कुछ दिनों बाद सुनीता कोराम को पैसो की जरुरत पड़ने पर पैसा निकलवाने पास के ही CSC सेंटर मे गयी लेकिन वंहा जाकर पता चला की खाते से पैसा तीन किश्तो मे निकाला गया है
उसके बाद हितग्राही द्वारा बैंक मे जाकर पासबुक प्रिंट करवाया गया और साँथ मे बैंक से जानकारी प्राप्त करने पर पता चला की दिनांक 07.05.2025 को 3000 रूपये, दिनांक 08.05.2025 को 2000 रु. व दिनांक 03.06.205 को 2000 रूपये किसी ने बैंक मे जाकर फर्जी हस्ताक्षर के माध्यम से राशि अहरण किया है, इन सबको देखते हुए सुनीता कोराम ने पुनः बैंक जाकर बैंक के शीशी टीवी कैमरा निरिक्षण किया तो सुनीता कोराम की पडोसी श्रीमती आरती श्याम (जो वर्तमान मे महिला समूह की सक्रिय महिला है और साँथ ही ग्राम मेदुका के राशन दूकान संचालित करने का कार्य करती है ) की पुष्टि हुयी जँहा आरती श्याम बैंक के केशियार के समक्ष राशि अहरण करते हुए नज़र अ रही है
उसके बाद सुनीता कोराम की पुत्री कुमारी प्रीति कोराम के माध्यम से फ़ोन लगा कर इस विषय पर पूछा गया तो आरती श्याम द्वारा बात को टालने एवं घुमाने का प्रयास किया जा रहा था लेकिन अंत मे आरती श्याम ने ही बताया की मेरे द्वारा फर्जी हस्ताक्षर करके राशि तीन किश्तो मे अहरण किया गया था,जिसकी शिकायत दिनांक 16.06.2025 को हितग्राही सुनीता कोराम के द्वारा गौरेला थाना प्रभारी के समक्ष किया गया जिसमे फर्जी हस्ताक्षर कर राशि अहरण करने वाले आरती श्याम और बिना हितग्राही के उपस्थिति के बैंक द्वारा राशि प्रदान किये जाने पर बैंक और आरती श्याम दोनों के ऊपर कड़ी कार्यवाही करने की मांग किया गया।
और सांथ ही ग्राम मेदुका के महिला समूह का आरोप है की श्रीमती आरती श्याम द्वारा अपने सक्रिय महिला का पद का दुरूपयोग करते हुए ग्राम के त्रिदेव नामक महिला समूह व अन्य समूह के खातों से व्यक्तिगत रूप से पैसा अहरण किया गया जिसकी जानकारी समूह के किसी भी सदस्य को नहीं है





