छत्तीसगढ़

पाली के प्राचार्य डॉ. गजेंद्र तिवारी को मिला छत्तीसगढ़ समाज सेवा रत्न सम्मान

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सम्मान समारोह बिलासपुर के ई. राघवेंद्रराव सभा भवन में हुआ आयोजित

पाली। कोरबा जिले के पाली में प्राचार्य के रूप में कार्यरत और शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले डॉ. गजेंद्र तिवारी को “छत्तीसगढ़ समाज सेवा रत्न सम्मान” से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें 4 जून को बिलासपुर स्थित ई. राघवेंद्रराव सभा भवन में आयोजित एक भव्य समारोह में प्रदान किया गया। कार्यक्रम का आयोजन छत्तीसगढ़ सांस्कृतिक परिषद द्वारा किया गया, जिसमें समाजसेवा, शिक्षा, स्वास्थ्य और संस्कृति जैसे विविध क्षेत्रों में कार्य कर रहे विशिष्ट जनों को आमंत्रित किया गया था।

समारोह में बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला, थावे विद्यापीठ (गोपालगंज, बिहार) के कुलपति डॉ. विनय कुमार पाठक, छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग की सचिव डॉ. अभिलाषा बेहार समेत अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे। इन सभी की उपस्थिति में डॉ. तिवारी को यह सम्मान प्रदान किया गया।

डॉ. गजेंद्र तिवारी एक शिक्षाविद होने के साथ-साथ समाजसेवी भी हैं। वे ग्रामीण एवं आदिवासी अंचलों में शिक्षा के प्रसार और युवाओं के करियर मार्गदर्शन के लिए लगातार कार्य कर रहे हैं। विशेष रूप से उन्होंने बालिकाओं को निशुल्क शिक्षा दिलाने की दिशा में पहल की है। सामाजिक जागरूकता फैलाने और सांस्कृतिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने में भी उनका योगदान महत्वपूर्ण रहा है।

उल्लेखनीय है कि डॉ. तिवारी को इससे पूर्व भी कई सम्मान मिल चुके हैं। उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा भी आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए सम्मानित किया जा चुका है। उनका मानना है कि शिक्षा ही समाज के वंचित वर्गों को मुख्यधारा से जोड़ने का सबसे प्रभावी माध्यम है।

छत्तीसगढ़ समाज सेवा रत्न सम्मान प्राप्त कर डॉ. तिवारी ने इसे समाज और विद्यार्थियों को समर्पित किया। उन्होंने कहा कि यह सम्मान उनके प्रयासों की सामाजिक स्वीकृति है और इससे उन्हें और अधिक जिम्मेदारी के साथ कार्य करने की प्रेरणा मिलेगी।

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