रायगढ़ में अडानी कंपनी के खिलाफ किसानों का उग्र विरोध

लोकेशन – रायगढ़
दीपक शोभवानी 7898273316
रायगढ़ जिले के संवेदनशील क्षेत्रों में अडानी कंपनी के खिलाफ किसानों का आक्रोश चरम पर है। स्थानीय भू-स्वामियों का आरोप है कि अडानी प्रबंधन उनकी उपजाऊ जमीनों पर बिना उचित मुआवजे और उनकी सहमति के जबरन कब्जा करने की कोशिश कर रहा है। किसानों का कहना है कि फर्जी ग्राम सभा प्रस्तावों के जरिए उनकी जमीनों पर खदान खोलने की साजिश रची जा रही है, जो उनके जीवन और आजीविका के लिए खतरा है।

जिला प्रशासन ने किसानों को शांतिपूर्वक अपनी मांगें अडानी प्रबंधन के सामने रखने की सलाह दी थी, लेकिन किसानों का दावा है कि उनकी मांगों को अनदेखा किया जा रहा है। एक स्थानीय किसान, सूर्यनारायण हेम्ब्रोम ने कहा, “हमने अपनी जमीन बचाने की गुहार लगाई, लेकिन अडानी के लोग कहते हैं कि यह जमीन अब उनकी है।” किसानों का कहना है कि पुलिस बल की मौजूदगी में उनकी जमीनों पर जबरदस्ती अनाधिकृत प्रवेश की कोशिशें सरकार की क्रूरता को दर्शाती हैं।
किसानों ने स्पष्ट किया कि अडानी प्रबंधन के पास सीमित अधिकार हैं और वे कंपनी के कर्मचारी मात्र हैं। एक किसान ने गुस्से में कहा, “अगर अडानी प्रबंधन हमारी मांगें पूरी नहीं कर सकता, तो हमें गौतम अडानी से सीधे बात करवाएं।” उनकी मांग है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे अपने हक की लड़ाई जारी रखेंगे।
हंसदो के अलावा, रायगढ़ के पेलमा क्षेत्र में भी अडानी के कोल ब्लॉक प्रोजेक्ट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। स्थानीय समुदायों का कहना है कि उन्होंने 2016 में ग्राम सभा में अपनी जमीनें न देने का प्रस्ताव पारित किया था, लेकिन प्रशासन उनकी सहमति के बिना जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहा है।
किसानों का कहना है कि उनकी जमीनें उनकी आजीविका और पहचान का आधार हैं। रायगढ़ के इस आंदोलन में आदिवासी समुदाय एकजुट होकर अपनी जमीन और सम्मान की रक्षा के लिए डटकर मुकाबला कर रहे हैं। क्या यह मामला शांतिपूर्ण समाधान की ओर बढ़ेगा, या और उग्र होगा? यह समय बताएगा।




