छत्तीसगढ़

अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर विधिक जागरूकता शिविर आयोजित, श्रमिकों को उनके अधिकारों के प्रति किया जागरूक

अम्बिकापुर । अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बिकापुर द्वारा जिला ग्रंथालय के नवनिर्मित भवन में मजदूरों के हितों से संबंधित विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री के. एल. चरयाणी के मार्गदर्शन एवं सचिव सुश्री लीनम बनसोड़े के नेतृत्व में आयोजित किया गया।

कार्यक्रम के दौरान सचिव सुश्री लीनम बनसोड़े ने उपस्थित श्रमिकों को संबोधित करते हुए उन्हें उनके संवैधानिक एवं विधिक अधिकारों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को कानून के समक्ष समान अधिकार प्राप्त है और श्रमिकों को उनके अधिकारों से वंचित नहीं किया जा सकता।

उन्होंने मजदूरों को श्रम कानूनों की जानकारी देते हुए बताया कि कार्य के लिए निर्धारित समय, न्यूनतम मजदूरी, सुरक्षित कार्यस्थल, और श्रमिक कल्याण योजनाएं जैसे प्रावधान श्रमिकों की सुरक्षा के लिए बनाए गए हैं। 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से मजदूरी कराना अपराध है, जिसके लिए सख्त दंड का प्रावधान है।

सचिव सुश्री बनसोड़े ने यह भी बताया कि श्रमिकों को न्याय दिलाने हेतु श्रम न्यायालयों की स्थापना की गई है, जहां वे अपने अधिकारों की रक्षा के लिए न्याय प्राप्त कर सकते हैं। इसके साथ ही, असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए नालसा द्वारा संचालित विधिक सेवाओं की जानकारी भी दी गई। आगामी 10 मई 2025 को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत की जानकारी देते हुए उन्होंने श्रमिकों से अपील की कि वे इस अवसर का लाभ उठाएं।

कार्यक्रम का उद्देश्य श्रमिक वर्ग को उनके वैधानिक अधिकारों, सामाजिक सुरक्षा योजनाओं और विधिक सहायता सेवाओं के प्रति जागरूक करना रहा। इस अवसर पर पारा लीगल वॉलेंटियर्स (पी.एल.वी.) और विधिक मित्रों की सक्रिय सहभागिता रही।

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