छत्तीसगढ़

महतारी सदन कबीरधाम ज़िले में निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और समयसीमा पर विशेष जोर

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महतारी सदन केवल भवन नहीं, महिलाओं की आत्मनिर्भरता और गरिमा का प्रतीक है:- अधीक्षण अभियंता भूमिजा गबेल

कवर्धा । समाज में महिलाओं की गरिमा, आत्मबल और नेतृत्व को सशक्त करने के उद्देश्य से कवर्धा ज़िले में महतारी सदन योजना के अंतर्गत तेजी से निर्माण कार्य जारी है। बुधवार को अधीक्षण अभियंता श्रीमती भूमिजा गबेल ने निर्माणाधीन महतारी सदनों का स्थल निरीक्षण किया और इस दौरान संबंधित ठेकेदारों एवं अभियंताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक लेकर कार्यों की प्रगति की समीक्षा की।

उन्होंने जिले के 13 ग्राम पंचायतों में चल रहे कार्यों की विस्तार से जानकारी लेते हुए स्पष्ट निर्देश दिए कि निर्माण कार्यों में गुणवत्ता से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा और सभी प्रोजेक्ट्स को निर्धारित समय-सीमा के भीतर अनिवार्य रूप से पूर्ण किया जाना है।

अधीक्षण अभियंता ने सभी को निर्देशित किया कि कार्यों की पारदर्शिता, गुणवत्ता और समयबद्धता सुनिश्चित करना उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी है। उन्होंने दोहराया कि महतारी सदन गाँव-गाँव तक महिलाओं के सशक्तिकरण की अलख जगाने का माध्यम बनेगा और इसे सफल बनाना हम सभी की साझा जवाबदारी है।

इस योजना के अंतर्गत कवर्धा जिले के कुल 13 ग्राम पंचायतों में महतारी सदनों का निर्माण किया जा रहा है, जिनमें विकासखंड कवर्धा के कवर्धा, धरमपुरा और मोहतरा खुर्द, पंडरिया के पंडरिया, कुंडा और भागूटोला, बोड़ला के बोड़ला और लखनपुर, सहसपुर लोहारा के सहसपुर लोहारा, खडौदा (रवेली), पांडा तराई और रनवीरपुर, तथा विकासखंड पिपरिया के पिपरिया शामिल हैं।

इन सभी ग्राम पंचायतों में महतारी सदनों के निर्माण के लिए शासन द्वारा कुल 3 करोड़ 21 लाख रूपए स्वीकृत किए गए हैं, जिसमें प्रत्येक भवन के लिए 24 लाख 70 हजार रूपए की राशि निर्धारित की गई है।

निरीक्षण के दौरान अधीक्षण अभियंता ने यह भी कहा कि इन भवनों का निर्माण स्थानीय ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए किया जाना चाहिए, ताकि इनका प्रभावी उपयोग सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि महतारी सदन केवल एक भवन नहीं, बल्कि यह महिलाओं की गरिमा, आत्मबल और सामाजिक सशक्तिकरण का प्रतीक है, जो उन्हें एक ऐसा मंच प्रदान करेगा जहाँ वे आत्मनिर्भरता की दिशा में संगठित प्रयास कर सकेंगी।

पंचायत स्तर पर बनाए जा रहे ये भवन महिलाओं के लिए विशेष रूप से उपयोगी सिद्ध होंगे, जहाँ वे स्व-सहायता समूहों की बैठकें, प्रशिक्षण कार्यक्रम, स्वास्थ्य परामर्श और महिला अधिकारों से संबंधित जागरूकता गतिविधियों में भाग ले सकेंगी।

इस समीक्षा बैठक में ईई आर.ई.एस. श्री सुरेन्द्र पटेल, एसडीओ श्री मनोज सोनी, संबंधित उप अभियंता और समस्त ठेकेदार उपस्थित रहे।

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