
अंबिकापुर। सरगुजा पुलिस ने अंधे कत्ल की गुत्थी को सुलझाते हुए झारखंड से फरार आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। थाना कोतवाली एवं विशेष पुलिस टीम की सक्रियता से इस सनसनीखेज हत्याकांड का पर्दाफाश हुआ। पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त ईंट और आरोपी के खून से सने कपड़े भी बरामद कर लिए हैं।
हत्या के पीछे भाई के विश्वास का कारण
पूछताछ में आरोपी संजू उर्फ नंदकुमार यादव ने बताया कि उसके बड़े भाई बिरबल यादव का अधिक विश्वास मृतक जुगनू उर्फ मनबोध यादव पर था। दुकानदारी और पैसों के लेनदेन का जिम्मा भी बिरबल ने जुगनू को सौंप रखा था। इसी बात से नाराज होकर आरोपी ने 10 अप्रैल की रात जुगनू की सोते समय ईंट से हत्या कर दी और शव को पास की नाली में फेंक दिया।
कैसे हुआ मामला उजागर
11 अप्रैल की सुबह मृतक का भाई मनोहर यादव अपने चचेरे भाई गिरिजा प्रसाद और अन्य लोगों के साथ बीरबल यादव के फूल गोदाम पहुंचा। वहां जुगनू का बिस्तर खून से सना मिला और पास ही टूटी हड्डी, दांत व खून से सनी ईंट भी बरामद हुई। खून के निशान का पीछा करते हुए कुछ दूरी पर नाली में शव मिला। प्रार्थी ने आरोपी संजू यादव पर हत्या का शक जताया। थाना कोतवाली ने तत्काल अपराध क्रमांक 251/25 धारा 103(1) BNS के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
ऐसे पकड़ा गया आरोपी
पुलिस टीम ने सतत तलाश कर आरोपी संजू यादव को झारखंड के चैनपुर से गिरफ्तार किया। आरोपी ने जुर्म कबूल करते हुए बताया कि वारदात के बाद वह डाल्टेनगंज होते हुए चैनपुर अपने रिश्तेदार के घर भाग गया था। आरोपी ने मृतक का मोबाइल तोड़ दिया और पर्स से ₹4500 निकाल लिए। बचने के डर से आरोपी ने सारे कागजात नाली और झाड़ियों में फेंक दिए थे। पुलिस ने आरोपी से घटना के दौरान पहना गया कपड़ा भी जब्त कर लिया है।
कड़ी पुलिस कार्रवाई जारी
पुलिस टीम ने मौके से मृतक के दांत, हड्डी के टुकड़े, खून से सनी ईंट और अन्य साक्ष्य जब्त किए। आरोपी के विरुद्ध पर्याप्त सबूत मिलने पर उसे न्यायालय में पेश किया गया।
इस पूरी कार्रवाई में थाना प्रभारी कोतवाली निरीक्षक मनीष सिंह परिहार, उप निरीक्षक सम्पत पोटाई, प्रधान आरक्षक छात्रपाल सिंह, शत्रुधन सिंह, आरक्षक विवेक राय, नितिन सिन्हा, मंटूलाल गुप्ता, शिव राजवाड़े, सचिन्द्र सिन्हा, दीपक दास, लाल बाबू सिंह की सक्रिय भूमिका रही।