छत्तीसगढ़

5 अप्रैल से प्रबंधकों का हड़ताल, 10 से 15 अप्रैल के बीच बस्तर में तेंदूपत्ता संग्रहण की होनी है शुरुवात

तेंदूपत्ता संग्रहण से 13 लाख 50 हजार तेंदूपत्ता संग्रहणकर्ता परिवार को मिलता है अरबों का फायदा,

वन कर्मचारी संघ और छत्तीसगढ़ फड़मुंशी संघ का भी प्रबंधकों को समर्थन

राजपुर । प्रांत महामंत्री प्रबंधक संघ छत्तीसगढ़ के सुरेश सोनी ने प्रेसनोट जारी कर कहा कि 37 वर्षों से नियमितीकरण की आश देख रहे प्रदेश के 902 लघु वनोपज संघ के प्रबंधकों ने अपनी एक सूत्रीय नियमितीकरण की मांग को लेकर 5 अप्रैल से अनिश्चतकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला किया है।

वहीं मोदी की गारेंटी में शामिल अपनी 25 हज़ार रुपए वार्षिक की मांग पूर्ण न होने से फड़ मुंशी संघ ने भी प्रबंधकों का साथ देते हुए हड़ताल का समर्थन किया है। तेंदूपत्ता शाखकर्तन के समय से ही वन कर्मचारी संघ ने राज्य लघु वनोपज संघ के समस्त कार्यों का पूर्व में ही बहिष्कार करने का निर्णय किया है। जिससे सरकार और राज्य लघु वनोपज संघ की मुश्किल बढ़ती नजर आ रही है।

प्रबंधक संघ के प्रांताध्यक्ष रामाधार लहरे ने कहा कि ये प्रबंधक संघ की अंतिम लड़ाई है। लगातार 37 वर्षों से सुदूर अंचल में काम कर रहे प्रबंधक अब रिटायरमेंट के कगार में पहुंच गए हैं, 902 प्रबंधकों में आधे से ज्यादा प्रबंधकों की आयु 62 वर्ष पूर्ण होने के चलते वे रिटायर हो गए हैं,

37 वर्षों के लंबे कार्यकाल के दौरान बहुत सारे प्रबंधकों का देहांत होने से उनके परिवार रोजी-रोटी की समस्या से जूझ रहे है, श्री लहरे ने कहा संघ और सरकारों द्वारा सिर्फ और सिर्फ प्रबंधकों का शोषण किया जा रहा है।

प्रांताध्यक्ष ने कहा शासन और राज्य लघूवनोपज संघ द्वारा प्रबंधकों के लिए अनुकम्पा नियुक्ति, पेंसन, मेडिकल, खाता में भुगतान सहित किसी भी कार्य को आज तक लागू नहीं किया गया है जिससे प्रबंधकों में भारी रोष है। नियम बने भी है तो सिर्फ रिटायर करने के दंड देने के और शोषण करने के प्रांताध्यक्ष ने कहा विगत वर्ष 2024 में भी प्रबंधकों ने नियमितीकरण के लिए अनिश्चितकालीन हड़ताल किया था।

किन्तु वन मंत्री से मिले आश्वाशन और 13 लाख 50 हजार लघु वनोपज संग्रहनकर्ता परिवारों के नुकसान को देखकर प्रबंधक संघ ने हड़ताल वापस लेने का फैसला किया था। हड़ताल वापस लेने के 1 वर्ष बीतने के बाद भी राज्य लघु वनोपज संघ और छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रबंधकों के नियमितीकरण के विषय में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। साथ ही राज्य लघु वनोपज संघ के प्रबंधकों के मांग पर विचार करने कमेटी बनाए जाने और कमेटी की हर माह बैठक रखने संबंधी झूठे वाले से नाराज प्रबंधकों ने अंततः 5 अप्रैल से हड़ताल में जाने की घोषणा कर दी है।

श्री लहरे ने बताया कि 1 अप्रैल को राज्य लघु वनोपज संघ के बुलावे पर छत्तीसगढ़ प्रबंधक संघ के अध्यक्ष प्रबंधक यशवंत राठौर और सन्नी साहू ने राज्य संघ के अधिकारियों के समक्ष अपने मांगो को रक्खा जिस पर राज्य संघ के अधिकारियों ने सभी 8 विषयों पर घुमाने वाले जवाब दिए, जिससे बैठक पूर्णतः बेनतीजा निकला।

छत्तीसगढ़ में कुल 6 वृत्त एवं 31 जिला यूनियन है जहां 902 प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समितियों के माध्यम से तेंदूपत्ता संग्रहण 67 प्रकार के लघु वनोपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य दर में संग्रहण, बीमा योजनाएं, बच्चो के लिए छात्रवत्ति योजनाएं, कोसा संग्रहण, तेंदूपत्ता बोनस वितरण, चरण पादुका वितरण संबंधित अन्य जनकल्याकारी योजनाओं का क्रियान्वयन प्रबंधकों द्वारा विगत 37 वर्षों से किया जा रहा है। वर्ष 2024 में तेंदूपत्ता संग्रहण का 13 लाख 50 हजार परिवार को प्रबंधकों के माध्यम से सीधे ग्रामीणों के खाता में 855.67 करोड़ का भुगतान किया गया था।

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