छत्तीसगढ़

नकल कांड: लखनपुर के शासकीय प्राथमिक शाला में स्वीपर ने की परीक्षा, वीडियो हुआ वायरल

सरगुजा । सरगुजा जिले के लखनपुर विकासखंड स्थित ग्राम तिरकेला के आश्रित ग्राम सुगाआमा में स्थित शासकीय प्राथमिक शाला में पांचवीं बोर्ड परीक्षा के दौरान नकल कराने का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। इस मामले में यह आरोप लग रहे हैं कि परीक्षा केंद्र पर एक अंशकालीन स्वीपर ने परीक्षा दी, जबकि वह परीक्षा में शामिल होने वाले छात्र के स्थान पर परीक्षा लिख रहा था।

यह घटना हिंदी विषय की परीक्षा के दौरान हुई, जब दो परीक्षार्थी परीक्षा केंद्र में मौजूद थे, लेकिन उनकी जगह एक अंशकालीन स्वीपर, मनीष मिंज, परीक्षा लिखते हुए पकड़े गए। यह पूरी घटना सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद चर्चा का विषय बन गई है।

वायरल वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि मनीष मिंज, जो परीक्षा केंद्र पर स्वीपर के रूप में काम करते हैं, हिंदी विषय के प्रश्न पत्र का उत्तर लिखते हुए दिखाई दे रहे थे। इस दौरान परीक्षा केंद्र में दो परीक्षार्थी थे, लेकिन उनकी उपस्थिति के बावजूद स्वीपर द्वारा परीक्षा लिखे जाने की यह घटना पूरी तरह से परीक्षा के नियमों का उल्लंघन थी।

यह वीडियो तब सामने आया जब एक छात्र ने अपनी मोबाइल फोन कैमरे में इस घटना को कैद कर लिया। वीडियो में मनीष मिंज परीक्षा के उत्तर लिखते हुए नजर आ रहे थे, जबकि सभी नियमों के अनुसार, परीक्षा केवल नामांकित परीक्षार्थियों को ही दी जानी चाहिए थी।

यह घटना जैसे ही वायरल हुई, तो परीक्षा केंद्र के जिम्मेदार अधिकारी, केंद्राध्यक्ष, ने तत्काल कैमरे को बंद करने का प्रयास किया, ताकि वीडियो का प्रसार न हो सके। लेकिन तब तक वीडियो सोशल मीडिया पर फैल चुका था और यह मामला शिक्षा विभाग के अधिकारियों तक पहुंच चुका था। इसके बाद, परीक्षा लिखने वाले स्वीपर मनीष मिंज परीक्षा के उत्तर को आधा अधूरा लिखकर परीक्षा केंद्र से बाहर निकल गए।

मामले की गंभीरता को देखते हुए जब केंद्राध्यक्ष से इस घटना पर सवाल किए गए, तो उन्होंने कैमरे पर कुछ भी बोलने से मना कर दिया। इसके बाद, इस वीडियो को जिले के शिक्षा अधिकारी एके सिन्हा को दिखाया गया। उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि इस वीडियो को जांच अधिकारियों के पास भेजा जाएगा और मामले की पूरी जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

शिक्षा अधिकारी एके सिन्हा ने कहा, “यह एक गंभीर मामला है, और हम इसे पूरी तरह से जांचेंगे। अगर इस मामले में किसी और की संलिप्तता पाई जाती है तो संबंधित अधिकारियों और व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।” उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले को लेकर शिक्षा विभाग गंभीर है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

इस घटना ने शिक्षा प्रणाली में हो रही अनियमितताओं और नकल के मामलों को उजागर किया है। सरकारी स्कूलों में इस तरह के मामलों की पुनरावृत्ति से छात्रों के भविष्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और समाज में गलत संदेश जाता है। शिक्षा विभाग ने इस घटना को लेकर एक सख्त बयान दिया है कि ऐसे मामलों में कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

सरकार और शिक्षा विभाग की ओर से सख्त कदम उठाए जाने की आवश्यकता पर जोर दिया जा रहा है ताकि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सके। इस पूरे घटनाक्रम ने यह साबित कर दिया कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार की दिशा में और अधिक कड़े कदम उठाने की जरूरत है। विशेष रूप से परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा की पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाने चाहिए।

वर्तमान में इस मामले की जांच जारी है और यह देखना दिलचस्प होगा कि शिक्षा विभाग इस पर क्या कार्रवाई करता है। अगर यह पाया जाता है कि यह केवल एक सामान्य गलती थी तो भी यह घटना भविष्य में और अधिक सख्ती से इस तरह के मामलों के खिलाफ कार्रवाई करने की आवश्यकता को उजागर करती है। शिक्षा विभाग से उम्मीद की जा रही है कि इस मामले के बाद अन्य परीक्षा केंद्रों पर नकल और किसी भी प्रकार की अनियमितता के खिलाफ कड़ी निगरानी रखी जाएगी।

कुल मिलाकर यह घटना सरगुजा जिले की शिक्षा व्यवस्था में एक बड़ा सवाल खड़ा करती है कि क्या सरकारी स्कूलों में नकल की समस्या इतनी गंभीर हो चुकी है कि वह किसी स्वीपर को भी परीक्षा में बैठने का मौका देती है। शिक्षा विभाग को इस मामले पर तुरंत कदम उठाने की जरूरत है ताकि भविष्य में इस तरह के मामलों की पुनरावृत्ति न हो सके और शिक्षा व्यवस्था पर भरोसा बना रहे।

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