
बलरामपुर। पुलिस प्रशासन की सख्त कार्रवाई के तहत 9 वर्षों से फरार ऑनलाइन ठगी के आरोपी को आखिरकार पकड़ लिया गया। आरोपी भोले-भाले ग्रामीणों को लॉटरी जीतने का झांसा देकर लाखों की ठगी करता था। बलरामपुर पुलिस की विशेष टीम ने झांसी, उत्तर प्रदेश से आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है।
लॉटरी के नाम पर 1.85 लाख की ठगी
मामला वर्ष 2016 का है, जब ग्राम खुखरी निवासी मनोज कुमार यादव ने चौकी बरियो, थाना राजपुर में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता ने बताया कि आरोपी ने मोबाइल पर संपर्क कर लॉटरी लगने का झांसा दिया और अलग-अलग किश्तों में ₹1,85,800 बैंक खातों में ट्रांसफर करवा लिए। इस पर पुलिस ने अपराध क्रमांक 84/2016, धारा 420, 120बी, 34 भादवि के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
पहले एक आरोपी हो चुका था गिरफ्तार, दूसरा 9 साल से था फरार
जांच के दौरान बैंक स्टेटमेंट और मोबाइल नंबर के आधार पर ठगी की आरोपी संगीता इनवर्ती को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन मुख्य आरोपी गोलू अहिरवार गिरफ्तारी के डर से लगातार 9 वर्षों से फरार था। पुलिस की कई कोशिशों के बावजूद वह हाथ नहीं आया।
पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर गठित हुई विशेष टीम
अपराध समीक्षा बैठक के दौरान पुलिस अधीक्षक वैभव बैंकर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए फरार आरोपी की गिरफ्तारी के लिए चौकी प्रभारी बरियो उपनिरीक्षक सुभाष कुजूर के नेतृत्व में विशेष पुलिस टीम का गठन किया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विश्व दीपक त्रिपाठी और एसडीओपी कुसमी ईमानुएल लकड़ा ने इस टीम की मॉनिटरिंग की।
झांसी में दी दबिश, पुलिस के हत्थे चढ़ा आरोपी
तकनीकी निगरानी और मैनुअल इंटेलिजेंस के जरिए पुलिस टीम को आरोपी के झांसी, उत्तर प्रदेश में होने की सूचना मिली। इसके बाद 22 मार्च 2025 को पुलिस टीम ने झांसी पहुंचकर घेराबंदी कर गोलू अहिरवार को हिरासत में ले लिया। पूछताछ और साक्ष्य संकलन के बाद उसे बलरामपुर लाकर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया।
इनकी रही अहम भूमिका
इस सफल अभियान में चौकी प्रभारी उपनिरीक्षक सुभाष कुजूर, सहायक उपनिरीक्षक कृष्णानंद सिंह, प्रधान आरक्षक ईश्वर प्रताप सिंह और आरक्षक रंजीत गुप्ता की विशेष भूमिका रही।
बलरामपुर पुलिस की इस कार्रवाई से लंबे समय से फरार अपराधियों के हौसले पस्त हो गए हैं, वहीं आम जनता में न्याय की उम्मीद मजबूत हुई है।