
रायपुर | छत्तीसगढ़ विधानसभा के रजत जयंती समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन की शुरुआत छत्तीसगढ़ की पारंपरिक अभिवादन शैली ‘जय जोहार’ के साथ की। उन्होंने छत्तीसगढ़ को मातृशक्ति का प्रतीक बताया और कहा कि यह राज्य भारत माता की सजीव प्रतिमा है। राष्ट्रपति ने राज्य की तेजी से हो रही प्रगति की सराहना की और महिलाओं को आगे बढ़ाने का संदेश दिया।
छत्तीसगढ़ की उपलब्धियों को सराहा
राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ संसदीय परंपराओं और लोकतंत्र की गरिमा को मजबूत करने वाला राज्य है। उन्होंने याद दिलाया कि छत्तीसगढ़ का गठन अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में हुआ था और तब से यह राज्य तेजी से विकास के नए आयाम गढ़ रहा है।
महिला सशक्तिकरण पर दिया जोर
राष्ट्रपति मुर्मू ने छत्तीसगढ़ विधानसभा में महिला विधायकों की संख्या 19 होने पर खुशी जताई और कहा कि महिला सशक्तिकरण राज्य की प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि महिलाएं एक-दूसरे का साथ देंगी, तो समाज और अधिक मजबूत बनेगा।
छत्तीसगढ़ में विकास की अपार संभावनाएं
राष्ट्रपति ने कहा कि छत्तीसगढ़ प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर राज्य है, जहां खनिज, जंगल, नदियां और उद्योगों की व्यापक संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि इस राज्य को महानदी, इंद्रावती और शिवनाथ नदियों का आशीर्वाद प्राप्त है, जो यहां की कृषि और औद्योगिक संभावनाओं को बढ़ावा देती हैं।
स्थायी विकास पर जोर
राष्ट्रपति ने विधायकों से आग्रह किया कि वे विकास के साथ प्रकृति का संतुलन बनाए रखें। उन्होंने कहा कि यदि हम पर्यावरण को संरक्षित रखते हुए विकास करेंगे, तो छत्तीसगढ़ देश के अग्रणी राज्यों में शामिल होगा।