छत्तीसगढ़

विधानसभा में गूंजा जनसंपर्क विभाग में भ्रष्टाचार का मामला, विज्ञापन वितरण में भेदभाव का आरोप

बाहरी मीडिया संस्थानों को लाभ, स्थानीय पत्रकार उपेक्षित

रायपुर। जनसंपर्क विभाग की विज्ञापन नीति में कथित भ्रष्टाचार और भेदभाव का मुद्दा विधानसभा में गूंजा। लंबे समय से स्थानीय वेब पोर्टल, पत्र-पत्रिकाएं और अखबार विभाग की विज्ञापन नीति में उपेक्षा झेल रहे हैं, जिससे निष्पक्ष पत्रकारिता प्रभावित हो रही है।

पत्रकार अनुराग शर्मा द्वारा आरटीआई के जरिए जुटाई गई जानकारी में खुलासा हुआ कि जनसंपर्क विभाग बाहरी मीडिया संस्थानों को भारी मात्रा में विज्ञापन दे रहा है, जबकि राज्य के जमीनी पत्रकारों और संस्थानों की अनदेखी की जा रही है। इस मुद्दे को वे लगातार उठा रहे थे, जिसे अब विधानसभा में भी उठाया गया।

भावना बोहरा ने सरकार को घेरा

विधानसभा में पंडरिया विधायक भावना बोहरा ने इस विषय को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने केवल पूर्ववर्ती सरकार ही नहीं, बल्कि मौजूदा सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने सरकार से स्पष्ट जांच की मांग की, लेकिन मंत्री केवल जवाब परीक्षण करने की बात कहकर बचते नजर आए।

इस पूरे मामले ने राज्य में मीडिया विज्ञापन वितरण की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।

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