भक्तिमय वातावरण में आज पहुंचेगा रथारूढ़ भगवान श्री जगन्नाथ का भव्य रथ मौसी बाड़ी, बीच रास्ते में ही रुका पुराना बस्ती सीढ़ी घाट से जय जगन्नाथ उद्घोष के साथ निकला भगवान का रथ
चक्रधरपुर/ (Sanat Pradhan) । पोडाहाट राज घराना काल से चली आ रही चक्रधरपुर का ऐतिहासिक पुराना बस्ती रथयात्रा रविवार को जय जगन्नाथ उद्घोष के साथ निकल पड़ा। भगवान जगन्नाथ, बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा का रथारूढ़ रथ को देखने और भगवान के दर्शन के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा। मृदंग, झांझ की ध्वनि के साथ हरे राम हरे कृष्ण भजन कीर्तन में झूमते श्रद्धालु रथ को शनै शनै खींच रहे थे और भगवान का रथ आगे बढ़ता जा रहा थारथ यात्रा के दौरान जगह जगह पर श्रद्धालु का प्रसाद ग्रहण करने के लिए रथ रुक रहा था। हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं के भीड़ के बीच देर रात को रथ बीच रास्ते में रोक दिया गया। आज पुनः शाम पांच बजे रथ मौसी बाड़ी के लिए प्रस्थान करेगा।
रथ यात्रा के दौरान श्रद्धालु भारी भीड़ को चीरते हुए भगवान के रथ का स्पर्श कर उसे माथे पर लगाकर अपना भक्ति का परिचय दे रहे थे। रथ में मत्था टिका कर भक्त भगवान से अपना सुख दुख जाहिर कर रहे थे। वे अपने और परिवार की सुख और समृद्धि की मनोकामना कर रहे थे। रथ यात्रा के दौरान सड़क पर जगह जगह श्रद्धालु हाथ और थाली में लड्डू ,केला, फल, पीठा इत्यादि तरह तरह का प्रसाद लेकर रथ को अपने निकट तक पहुंचने के लिए खड़े होकर इंतजार कर रहे थे।
श्रद्धालुओं के द्वारा चढ़ाया गया प्रसाद रथ के उपर से श्रद्धालुओं के पर बौछार किया जा रहा था जिसे लपकने के लिए भक्तों में होड़ लगी हुई थी। देर शाम को पारंपरिक विधि विधान के साथ रथयात्रा को बीच रास्ते में ही रोक दिया गया। सोमवार को बीच सड़क में पूजा पाठ और नीतियों के साथ आज शाम पांच बजे रथ यात्रा प्रारंभ किया जाएगा। आज रात्रि तक भगवान का रथ थाना के पास स्थित मौसी बाड़ी पहुंचेगा। 9 दिन तक भगवान अपने भाई और बहन के साथ अपनी मौसी गुंडिचा के घर मौसीबाड़ी में रुकेंगे। 17 जुलाई को घूरती रथ या बहुड़ा रथयात्रा के रूप में अपने घर(मंदिर) लौटेंगे। इस अंतराल में मौसीबाड़ी में भगवान का प्रत्येक दिन भोग लगेगा। श्रद्धालुओं के बीच खीर खीचड़ी का भोग वितरण किया जाएगा।