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राजनांदगांव: परिवहन चेक पोस्टों पर करोड़ों की हेराफेरी, प्राइवेट कर्मचारियों की संलिप्तता उजागर

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राजनांदगांव जिले के चिचोला पुलिस चौकी अंतर्गत छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र सीमा पर स्थित परिवहन चेक पोस्ट पाटेकोहरा बेरियर और अस्थाई बेरियर बरनारा कला में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। यहां परिवहन निरीक्षकों और प्राइवेट कर्मचारियों की मिलीभगत से शासन को करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है।

जानकारी के अनुसार, इन चेक पोस्टों पर केवल सी.एफ. (चालान फीस) काटने की अनुमति है, लेकिन यहां पर वाहन मालिकों से अतिरिक्त अवैध वसूली की जा रही है। बताया जा रहा है कि प्रत्येक वाहन से 100 से 2000 रुपये तक वसूले जाते हैं, जो वाहन के वजन और ओवरलोडिंग के आधार पर तय किया जाता है। इस पूरी व्यवस्था का संचालन परिवहन निरीक्षकों की देखरेख में निजी कर्मचारियों के माध्यम से किया जा रहा है।

प्राइवेट कर्मचारियों की मिलीभगत
सूत्रों के मुताबिक, चेक पोस्ट पर अनिल वर्गीस, राजकुमार सिन्हा और लखन साहू जैसे प्राइवेट कर्मचारी अवैध वसूली के प्रमुख सूत्रधार हैं। इनकी मासिक आय लाखों में बताई जा रही है, जबकि इन पर धारा 420 के तहत मामले भी दर्ज हैं। बावजूद इसके, इन्हें महत्वपूर्ण भूमिकाओं में रखा गया है।

शासन को भारी राजस्व हानि
सूत्रों का कहना है कि कुछ ट्रांसपोर्टरों को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए शासन के राजस्व में सेंध लगाई जा रही है। हजारों वाहनों का सी.एफ. शुल्क काटे बिना इन्हें बेरोकटोक पास कराया जा रहा है, जिससे शासन को करोड़ों रुपये के नुकसान का अनुमान है। राजकुमार सिन्हा को इस पूरी अवैध प्रक्रिया का संचालनकर्ता माना जा रहा है।

प्रशासनिक लापरवाही
सूचना के अधिकार (RTI) के तहत जब इस प्रकरण की जानकारी मांगी गई, तो पाटेकोहरा चेक पोस्ट में कार्यरत अनिल वर्गीस, राजकुमार सिन्हा, लखन साहू, कमलेश यादव, माखन सिन्हा और ईश्वर साहू का कोई आधिकारिक रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं कराया गया। परिवहन निरीक्षक ने इन नामों को नकार दिया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि ये लोग किसके आदेश पर कार्य कर रहे हैं, यह एक बड़ा सवाल है।

निजी खातों में भेजी जा रही रकम
सूत्रों के अनुसार, राजस्व की राशि निजी कर्मचारी चेतन ठाकुर के माध्यम से राजनांदगांव के बैंकों में जमा कराई जाती है। यदि इस प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी होती है, तो उसकी जिम्मेदारी किसकी होगी, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है।

भ्रष्टाचार पर कार्रवाई की मांग
मामले की गंभीरता को देखते हुए मांग की जा रही है कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा इन चेक पोस्टों और संबंधित अधिकारियों के परिसरों पर छापेमारी की जाए। यदि ऐसा होता है, तो करोड़ों रुपये की अवैध संपत्ति का खुलासा हो सकता है।

सूत्रों का कहना है कि छत्तीसगढ़ में नई सरकार बनने के बाद परिवहन विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों के लिए अवसर सीमित होते जा रहे हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी जल्द ही परिवहन चेक पोस्टों को पूरी तरह बंद करने की घोषणा कर सकते हैं, जिससे इस भ्रष्टाचार पर अंकुश लगने की उम्मीद है।

निष्कर्ष:
राजनांदगांव जिले के परिवहन चेक पोस्टों में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर शासन से कड़ी कार्रवाई की मांग उठ रही है। यदि इस मामले की निष्पक्ष जांच होती है, तो कई बड़े नामों के सामने आने की संभावना है।

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